भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए अक्सर नई-नई योजनाएं लाता है। इसी कड़ी में रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पटरियों के रखरखाव कार्य के कारण अगर रविवार को कोई रेलगाड़ी 5-6 घंटे देरी से चलती है तो भारतीय रेल ट्रेन में मौजूद यात्रियों को मुफ्त में भोजन देगी।
पीयूष गोयल ने मीडिया से बातचीत में यहां कहा, रेलवे अपनी संपत्तियों के नियोजित रखरखाव कार्य के कारण रविवार को पांच-छह घंटे ट्रेन के विलंब होने पर ट्रेन में आरक्षित टिकट पर यात्रा कर रहे यात्रियों को मुफ्त में भोजन व जलपान प्रदान करेगी। भोजन और जलपान भारतीय रेल खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की ओर से दिए जाएंगे।
गोयल ने कहा, हम अनारक्षित टिकट पर यात्रा कर रहे यात्रियों को भी मुफ्त भोजन प्रदान करने पर विचार कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि 15 अगस्त को रेलवे की नई समय-सारणी लाई जाएगी, जिसमें यात्रियों को पटरियों पर चले रहे नियोजित रखरखाव कार्य के कारण नियमित ट्रेनों के लेट होने की सूचना दी जाएगी।
सुरक्षा से समझौता नहीं
रेल मंत्री ने कहा कि पिछले सात-आठ दिनों से मैंने सात रेलवे जोन के महाप्रबंधकों के साथ समीक्षा बैठकें की हैं। हमने नियोजित तरीके से रेलवे संपत्तियों के रखरखाव का कार्य चलाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, समयपालन में सुधार के लिए कोशिश की जाएगी और सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
पीयूष गोयल ने कहा कि सप्ताह के दौरान रखरखाव कार्य दो घंटे तक चलेगा, जबकि सप्ताहांत यानी रविवार को छह घंटे कार्य चलेगा। उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड ने 2,000 करोड़ रुपये की लागत से इलाहाबाद और मुगलसराय के बीच नई रेल लाइन को मंजूरी दी है। इसपर काम तीन-चार साल में पूरा हो जाएगा। ट्रेन में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता पर गोयल ने कहा कि आईआरसीटीसी के 16 रसोई कक्षों को सीसीटीवी कैमरों से जोड़ा गया है और यात्री देख सकते हैं कि भोजन किस प्रकार तैयार किया जाता है।
ट्रेनों में बढ़ाए जाएंगे कोच
रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेनों की लेटलतीफी में एक बड़ा कारण कोचों की अनुपलब्धता भी है ऐसे में कुछ कारखानों को अपना उत्पादन बढ़ाने को कहा गया है जिससे ट्रेनों के लिए अतिरिक्त कोचों की व्यवस्था की जा सके अतिरिक्त कोचों के चलते ट्रेन देरी से होने पर दूसरी ट्रेन समय पर चलाई जा सकेगी।
पीयूष गोयल ने कहा कि ट्रेनों की साफ सफाई के लिए ऑटोमेशन को बढ़ावा देने के लिए मैकेनाइज्ड मशीनें खरीदी जाएंगी इन मशीनों के जरिए ट्रेनों को ऑटोमेटिक तरीके से जल्द से जल्द साफ किया जा सकेगा. इससे समय की बचत होगी और ट्रेनें टाइम पर चल सकेंगी। इस तरीके की मशीनों को अगले 9 महीने के भीतर टेंडर कर के लाए जाने की तैयारी की जा रही है।
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