सिक्किम-भूटान-तिब्बत सीमा के पास डोकलाम क्षेत्र में 1800 चीनी सैनिको ने फिर डेरा डाल लिया है। चीनी सैनिक यहां पर हेलिपैड्स, रोड और शिविरों को बनाने का काम कर रहे हैं। इतनी ऊंचाई वाला क्षेत्र में सर्दियों का सामना करने के लिए वह सैनिकों के ठहरने की व्यवस्था कर रहा है।
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार भारत को रणनीतिक लक्ष्य मिल गया है और अब चीन को दक्षिण की तरफ किसी भी हालत में सड़क का विस्तार नहीं करने दिया जाएगा। इस क्षेत्र में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवान स्थाई रूप से रहते हैं।
आपको बता दें कि सिक्किम के डोकलाम में 73 दिन तक चले टकराव को देखते हुए सेना ने चीन सीमा से सटे इलाकों में सड़क निर्माण में तेजी लाने का फैसला किया गया। इसका कारण आपातकालीन स्थिति में सैनिकों को जल्द से जल्द सीमा तक पहुंचाना है।
आर्मी चीफ बिपिन रावत ने सितंबर में ही सावधान किया था कि चीन विवादित क्षेत्र में ताकत आजमाने की कोशिश करता रहेगा। इसलिए चुंबी वैली में रणनीति के तौर पर सैनिकों को तैनात किया गया है। पहले डोकलाम में भारतीय सैनिक चीन के सैनिकों पर आपत्ति नहीं करते थे लेकिन जून में जब सड़क बनाने के लिए PLA ने यथास्थिति को तोड़ने की कोशिश की तो यहां की सुरक्षा बड़ा दी गई।
भारतीय जवानों ने चीन को सड़क बनाने से रोक दिया। पीएम मोदी के चीन दौरे से पहले चीन ने अपने सैनिकों को 150 मीटर पीछे लौटा लिया। अब भारत-चीन की सेनाएं 500 मीटर दूर रहती हैं।
हालांकि लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल पर सैनिकों की चहलकदमी रहती है। जानकारी के अनुसार मुताबिक इसके बाद चीन ने डोकलाम में दक्षिण की तरफ सड़क बनाने की कोशिश नहीं की है।
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