पिछले कुछ महीनों से उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच जंग के हालात हैं। उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल और न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है। अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है। आपको बता दे कि वही , अमेरिका ने हाल ही में उन हालातों की समीक्षा की है कि उत्तर कोरिया पर जमीनी आक्रमण कर कैसे परमाणु हथियारों को सुरक्षित किया जा सकता है। वॉशिंगटन पोस्ट में साफ़ पुष्टि कर कहा गया है कि युद्ध में प्योंगयांग बायलॉजिकल और केमिकल हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है।
बता दे कि वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार सांसदों को भेजे लेटर में पेंटागन ने नॉर्थ कोरिया के हमले का जवाब देने की तैयारियों का पूरा जिक्र किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्योंगयांग ने अगर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया तो अमेरिका का अगला कदम क्या होगा? आपको बता दें कि पेंटागन के जॉइंट स्टाफ के उपनिदेशक रियर ऐडमिरल माइकल जे. ड्युमांट ने यह पत्र लिखा है ।
वही , अमेरिका के दो सुपरसोनिक बमवर्षकों ने कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर अभ्यास किया, जिसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की एशिया की पहली आधिकारिक यात्रा से पहले उत्तर कोरिया के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।
दक्षिण कोरिया के एक सैन्य अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण कोरिया के पूर्वी तट के निकट एक क्षेत्र में गुरुवार को हुए अभ्यास के दौरान गुआम में एंडरसन वायुसेना अड्डे से बी-1बी बमवर्षकों को दक्षिण कोरियाई एफ-16 लड़कू जेट विमानों के साथ भेजा गया।
अधिकारी ने आधिकारिक नियमों का हवाला देते हुए नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि अभ्यास में जमीनी लक्ष्यों को निशाना बनाया गया।
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने इस अभ्यास की निंदा की और इसे आकस्मिक परमाणु हमला अभ्यास बताया और कहा कि अमेरिकी साम्राज्यवाद जैसे गैंगस्टर परमाणु युद्ध भड़काना चाहते हैं। हाल के महीनों में उथर कोरिया ने अपना सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण करते हुए अमेरिकी भूभाग तक पहुंचने में सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है। इसने शक्तिशाली मध्यम रेंज की नयी मिसाइलों को जापान के रूपर से उड़या और गुआम, अमेरिकी प्रशांत क्षेत्र एवं सैन्य प्रतिष्ठान को उड़ने की धमकी भी दी।
अमेरिका इसके जवाब में लगातार गश्त या अभ्यासों के लिये क्षेत्र तक अपने सामरिक संसाधनों को भेजता रहता है। उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को कहा था कि युद्ध भड़का रहे अमेरिकी साम्राज्य को इतना उतावलापन नहीं दिखाना चाहिए।