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फिरौती के मकसद से दुनिया में बड़ा साइबर अटैक : लाखों कंप्यूटर ठप

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सिएटल : कई देशों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से चोरी किए गए साइबर टूल्स से व्यापक स्तर पर साइबर हमले किए गए हैं। विशेषज्ञों ने इस बात का दावा किया है। अमेरिका के मीडिया संस्थानों ने कहा कि सबसे पहले स्वीडन, ब्रिटेन और फ्रांस से साइबर हमले की खबर मिली लेकिन ऐसा बताया जाता है कि रूस और ताईवान सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।

गृह सुरक्षा विभाग के तहत अमेरिका कम्प्यूटर इमरजेंसी रेडीनेस टीम (यूएससीईआरटी) ने कहा कि उसे विश्व भर के कई देशों में ‘वॉनाक्राई रैन्समवेयर इन्फेक्शन’ की कई खबरें मिली हैं। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि कौन कौन से देश इस हमले का शिकार हुए हैं। रैन्समवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिससे एक कम्प्यूटर में वायरस घुस जाता है और यूजर तब तक इसे खोल नहीं पाता जब तक कि वह इसे ‘अनलॉक’ करने के लिए रैन्सम (फिरौती) नहीं देता। यूएससीईआरटी ने कहा कि व्यक्ति और संगठनों से फिरौती नहीं देने की अपील की जाती है क्योंकि इसके बाद भी यह गारंटी नहीं है कि वह अपने कम्प्यूटर को खोल पाएंगे।

इसके अनुसार जब कोई सॉफ्टवेयर पुराना होता है या फिर ‘अनपैच्ड’ (सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण ताजा कम्प्यूटर प्रोग्राम से विहीन) होता है तो रैन्समवेयर उस पर आसानी से हमला कर सकता है। टीम ने कहा, ”वॉनाक्राई रैन्समवेयर संभवत: सर्वर मैसेज ब्लॉक 1.0 (एसएमबीवी1) में कमजोरी का लाभ उठा रहा है।”

माइक्रोसॉफ्ट की एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को इन खबरों की जानकारी है और वे स्थिति की जांच कर रहे हैं। ‘द वाल स्ट्रीट जर्नल’ ने कहा कि हमलों के लिए जिम्मेदार मैलवेयर डेटा को ‘इनस्क्रिप्ट्स’ (लॉक) कर देता है और फिरौती नहीं मिलने तक इसे लॉक रखता है। समाचार पत्र ने कहा, ”वॉनाक्राई या वॉना डिक्राइप्टर के नाम से जाना जाने वाला तथाकथित रैन्समवेयर प्रोग्रॉम माइक्रोसॉफ्ट विंडो सिस्टम्स की कमजोरियों का लाभ उठाकर घुसता है।”

‘अवास्ट थ्रेट लैब’ ने एक बयान में कहा कि उसे व्यापक स्तर पर ‘वॉनाक्रिप्टर 2.0’ हमलों का पता चला है। अब तक ऐसे 36000 मामले सामने आए हैं। ‘फेडएक्स’ कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह साइबर हमले का बुरी तरह शिकार हुई है। उसने कहा, ”कई अन्य देशों की तरह फेडएक्स के कुछ विंडोज आधारित सिस्टम्स में मालवेयर के कारण वायरस घुस आया है।”

कंपनी ने कहा, ”हम इसे ठीक करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठा रहे हैं।” सिक्योरिटी फर्म स्पलंक में खतरा अनुसंधान के निदेशक रिच बर्गर ने कहा, ”इस घटना से दुनिया में सभी को सतर्क हो जाना चाहिए। जिन माध्यमों से इसे अंजाम दिया गया है और इसका जो प्रभाव पड़ा है, वह अभूतपूर्व है।”

(भाषा)

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