बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ताइवान की स्वतंत्रता के प्रयास को विफल करने की आज प्रतिबद्धता जतायी लेकिन साथ ही उन्होंने ताइवान को मुख्य भूमि के साथ शांतिपूर्ण पुन:एकीकरण हासिल करने के लिए हांगकांग और मकाउ के एक देश, दो व्यवस्थाएं मॉडल को विस्तारित करने की पेशकश की। बीजिंग का दावा है कि ताइवान चीन का पृथक प्रांत है जो मुख्य भूमि का हिस्सा है और इसे जरूर इसमें मिलाया जाना चाहिए।चीन की सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की कांग्रेस को यहां संबोधित करते हुए चिनफिंग ने कहा, हम किसी भी व्यक्ति को, किसी भी संगठन, या किसी भी राजनीतिक पार्टी को किसी भी समय या किसी भी रूप में चीनी क्षेत्र के किसी हिस्से को चीन से कभी भी अलग नहीं होने देंगे।ताइवान मुद्दे के समाधान पर उन्होंने कहा, हमें शांतिपूर्ण पुन: एकीकरण और एक देश दो व्यवस्थाओं के सिद्धांतों को बरकरार रखना चाहिए।
उन्होंने अपने संबोधन में चीन के साथ हांगकांग और मकाउ के एकीकरण मॉडल का भी समर्थन किया।उन्होंने कहा, वर्ष 1992 की आम सहमति के ऐतिहासिक तथ्य को पहचानें और दोनों पक्ष (ताइवान और चीन) एक हैं और इसके बाद हमारे दोनों पक्ष दोनों तरफ के लोगों की चिंताओं को उठाने के लिए चर्चा कर सकते हैं। ताइवान में किसी राजनीतिक पार्टी या किसी समूह को मुख्य भूमि के साथ आदान-प्रदान करने में कोई समस्या नहीं होगी।पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हांगकांग एक देश, दो व्यवस्थाएं फार्मूले के तहत वर्ष 1997 में चीन के साथ पुन:एकीकृत हुआ। पूर्व पुर्तगाली उपनिवेश मकाउ इसी व्यवस्था के तहत वर्ष 1999 में चीन के साथ मिला। सीपीसी कांग्रेस में अपने संबोधन में चिनफिंग ने कहा, हम मुख्य भूमि पर हमारे ताइवान के लोगों के साथ पहले विकास के अवसरों को साझा करने के लिए तैयार हैं।