अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त रूप से सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हमला किया। हमले से आज सुबह सीरिया की राजधानी दमिश्क तेज विस्फोटों से दहल उठी और आसमान में घना धुआं छा गया। अमेरिका के इस हमले पर बशर अल असद की सरकार और उनके सहयोगी देशों रूस और चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, फ्रांस ने हमले को सफल बताते हुए कहा कि इस हमले में असद सरकार के सारे कैमिकल हथियार के ठिकाने नष्ट किए गए हैं।
चीन ने सीरिया में एयरस्ट्राइक पर नाराजगी जताई है। चीन ने कहा है कि सीरिया पर सैन्य कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस हमले के लिए अमेरिका को चेतावनी दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मंजूरी लिए बिना ही सीरिया पर यह बड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू की गई है।
ईरान ने ट्रंप को कहा अपराधी
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनी ने इस स्ट्राइक पर नाराजगी जाहिर की है और इस हमले को सैन्य अपराध बताया है। इस्लामिक देशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में खामेनी ने यह बातें कही। साथ ही खामेनी ने अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के लीडरों को अपराधी भी कहा।
रूस बुलाएगा आपात बैठक
व्लादिमीर पुतिन ने हमले पर कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने सीरिया में मानवीय आपदा लाने की कोशिश की है। पुतिन ने बताया कि सीरिया पर हुए एयरस्ट्राइक को लेकर रूस यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की आपात बैठक बुलाने जा रहा है। रूस के राजदूत ने चेतावनी देते हुए कहा कि हमें एक बार फिर डराने की कोशिश हुई है, इस हमले का परिणाम जरूर भुगतना होगा।
फ्रांस ने दिया अमेरिका का साथ, कहा- कैमिकल ठिकाने खत्म हुए
फ्रांस के मंत्री ने कहा कि रूस को हमले से पहले चेतावनी दी गई थी। फ्रांस ने इस हमले को न्यायसंगत करार दिया है।मंत्री जेन येव्स ले ड्राइन के अनुसार इस हमले में असद सरकार के ज्यादातर केमिकल हथियार के ठिकाने नष्ट किए गए हैं। साथ ही इस ओर भी संकेत दिए कि और हमले किए जा सकते हैं।
चीन ने कहा- अंतराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन
वहीं इस हमले में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजनीतिक ढंग से ही इस विवाद को खत्म किया जा सकता है। चीन ने सीरिया में केमिकल हथियार होने और असद सरकार द्वारा रसायन हमले करने के अमेरिका के दावे पर एक निष्पक्ष जांच की भी मांग की। वहीं चीन ने यह भी कहा कि अमेरिका की यह सैन्य कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र रक्षा परिषद के अंतराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।
स्राइल और तुर्की ने हमले को सही ठहराया
इस्राइल के मंत्री ने कहा कि यह हमला ईरान, सीरिया और हेजबुल्ला को एक कड़ी चेतावनी है। वहीं, तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा कि वह इस हमले का स्वागत करते हैं और साथ ही हमले को जरूरी कार्रवाई भी बताया।
ब्रिटेन ने कहा- हमला सफल रहा
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के अनुसार शुरुआती जानकारी के अनुसार हमला सफल रहा और हमले से असद सरकार की सैन्य शक्ति को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। हालांकि पीएम टेरेसा मे के अनुसार यह हमला न ही किसी गृहयुद्ध में दखलअंदाजी है और न ही कोई नेतृत्व परिवर्तन की कोशिश। यह बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत को रोकने के लिए जरूरी और योजनाबद्ध कार्रवाई थी। मे के अनुसार ब्रिटेन ने दूसरा रास्ता अपनाया होता, लेकिन इस बार कोई दूसरा रास्ता नहीं था।
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