चीन द्वारा दक्षिण सागर की तीन चौकियों पर एंटी शिप क्रूज मिसाइलें और जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम तैनात करने के बाद अमेरिका भड़क गया है। आपको बता दे कि दक्षिण चीन सागर पर अधिपत्य और क्रूज मिसाइल की तैनाती को लेकर चीन और अमरीका के बीच एक बार फिर तनातनी बढ़ गई है। इस क्षेत्र में चीन की दादागिरी पर सख्त ऐतराज जताते हुए अमरीका ने चीन को बहुत जल्द घातक परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा कि अमरीका दक्षिण चीन सागर में चीन की सक्रियता को लेकर सभी तरह की जानकारियों से अवगत है। फिलहाल हमने चीन के समक्ष इस बात को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है। लेकिन उसके रवैये से साफ है वह सहयोग करने को तैयार नहीं है। उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान चीन को गंभीर परिणाम भुगतने के संकेत दिए हैं। हालांकि सैंडर्स ने यह नहीं बताया कि चीन को क्या परिणाम भुगतने होंगे।
एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह भी बताया कि हमें यह सूचना भी मिली है कि चीन ने स्प्राली द्वीपों पर पिछले माह चीन ने कुछ हथियार सिस्टम भी तैनात किए हैं। इनमें चट्टान भेदी फायरिंग उपकरण और खतरनाक हथियार शामिल हैं।
बता दें कि पिछले कई दिनों से कयास लगाए जा रहे थे कि चीन दक्षिण चीन सागर में अपना सैन्य तंत्र खड़ा करने में जुटा है। अमेरिका की मीडिया रिपोर्ट्स में भी यह दावा किया गया कि चीन ने विवादित क्षेत्र में तीन जगहों पर मिसाइलें तैनात की हैं। हालांकि गुरुवार को चीन के बयान ने इन कयासों को पुख्ता कर दिया। चीन ने कहा कि उसकी दक्षिण चीन सागर पर निर्विवाद संप्रभुता है। बताया गया है कि चीन ने इस क्षेत्र के तीन द्वीपों पर घातक एंटी शिप क्रूज मिसाइलें और जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम तैनात की हैं।
इससे पहले , अप्रैल में चीन ने इस क्षेत्र में अपना अबतक का सबसे बड़ा अभ्यास किया था। इस दौरान पहली बार देश के एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सबसे अग्रिम हथियारों का प्रदर्शन किया गया था। चीन का समुद्र में यह सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास ऐसे वक्त में किया गया जब अमेरिका फ्रीडम ऑफ नैविगेशन (नौवहन की स्वतंत्रता) के तहत चीन द्वारा बनाए गए कृत्रिम द्वीपों के पास से अपने युद्धपोतों और एयरक्राफ्ट्स को भेजा था।
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