पाकिस्तान भले ही अमेरिका और भारत समेत दुनिया भर में यह दिखाने की कोशिश करता रहा हो कि उसने आतंकी हाफिज सईद के संगठनों को बैन कर दिया हो लेकिन हाल ही में एक वीडियो सामने आया है। जिसने एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब कर दिया है। इस वीडियो से पता चलता है कि पाकिस्तान अब तक प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलाह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) को आर्थिक मदद पहुंचा रहा है।
आपको बता दे कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इनसानियत के कई दफ्तर और चैरिटी अब भी पाकिस्तान में खुलेआम चल रहे हैं।
हाफिज के संगठनों के दफ्तर पाकिस्तान के भावलपुर, रावलपिंडी, लाहौर, शेखुपुरा, मुल्तान, पेशावर, हैदराबाद, सुक्कूर और पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में चल रहे हैं।
इन चैरिटी संगठनों का नेतृत्व खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के हाथों में है। हाल ही में खबर आई थी कि पाकिस्तान सरकार आतंकी सरगना हाफिज-सईद की जमात-उद-दवा से जुड़ी सभी चैरिटी संस्थाओं को बैन कर सकती है।
पाकिस्तान सरकार की ओर से हाफिज के संगठनों पर बैन के प्रयास की वजह यह है कि इस्लामाबाद को उम्मीद है कि जमात-उद-दवा (जेयूडी) और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) की चैरिटी संस्थाओं को नियंत्रित करने से पाकिस्तान ग्लोबल वॉच लिस्ट में शामिल होने से बच सकता है। बता दें कि यूनाइटेड स्टेट्स इन संगठनों को आतंकवादी संगठन मानता है।
आपको बता दे कि इससे पहले शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को फंडिंग देने वाले देशों की सूची से पाकिस्तान को आखिरकार बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इस मसले पर पाक को अब तक चीन, सऊदी अरब और तुर्की का साथ मिल रहा था लेकिन भारत, अमेरिका, फ्रांस और यूके के समर्थन के बाद तुर्की को छोड़कर सभी देशों के सहयोग से आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने अंतत: पाक को तीन माह के लिए वित्तीय निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में डाल दिया है। पाकिस्तान के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है।
पाकिस्तान के खिलाफ यह कार्रवाई आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण और मनी लांड्रिंग विरोधी कानूनों के लिए सबसे कम कोशिशों के कारण की गई है। पाक पर यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के ठीक बाद में आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह पाक द्वारा आतंकवादियों पर लगाम कसने के लिए उठाए जा रहे कदमों से संतुष्ट नहीं हैं। व्हाइट हाउस ने भी कहा कि पहली बार पाक को उसके कामों के लिए उत्तरदायी ठहराया गया है।
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