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भारत को अमेरिकी ड्रोन दिये जाने से पहले ही दहशत में आया पाकिस्तान , कहा – इससे इलाके में टकराव का खतरा बढ़ जाएगा

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पाक ने अमेरिका द्वारा भारत को ड्रोन मिसाइल सिस्टम बेचे जाने का कड़ा विरोध किया है। आपको बता दे की अमेरिका ने अभी भारत को आर्म्ड ड्रोन देने पर आखिरी फैसला नहीं किया है। लेकिन, पाकिस्तान पहले ही दहशत में आ गया है। पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री ने शुक्रवार को कहा कि अगर अमेरिका भारत को आर्म्ड ड्रोन देता है इनका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है और इससे इलाके में टकराव का खतरा बढ़ जाएगा। बता दें कि इस हफ्ते के शुरू में ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के एक अफसर ने कहा था कि अमेरिका भारत आर्म्ड प्रिडेटर ड्रोन देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

आपको बता दे कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय ताकतों को इस तरह के समझौतों पर दस्तखत करने से पहले जिम्मेदारी दिखानी चाहिए।’ जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका रिश्तों में मजबूती चाहते हैं लेकिन यह एक-दूसरे की चिंताओं की बेहतर समझ पर आधारित होना चाहिए।

जकारिया ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा के दौरान उनके और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। इससे पहले खबरें आई थीं कि ट्रंप प्रशासन अपनी वायुसेना के लिए सशस्त्र ड्रोन के भारत के आग्रह पर विचार कर रहा है। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी थी।

इंडियन एयरफोर्स का मानना है कि सशस्त्र ड्रोन से उसकी रक्षा क्षमताओं में इजाफा होगा। इस साल के शुरू में भारतीय वायुसेना ने अमेरिका की सरकार से जनरल एटमिक्स प्रीडेटर सी अवेंजर विमान के लिए अनुरोध किया था। ऐसा समझा जाता है कि भारतीय वायुसेना को 80 से 100 इकाइयों की जरूरत है। इस कारण यह 8 अरब डॉलर का सौदा हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 26 जून को व्हाइट हाउस में हुई बैठक के बाद ट्रंप प्रशासन इस संबंध में विचार कर रहा है।

आपको बता दे कि कश्मीर के पहाड़ी इलाकों पर नजर रखने के लिए इंडियन आर्मी फिलहाल, इजराइल से खरीदे गए ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रही है। लेकिन, अमेरिका के प्रिडेटर जेट की रफ्तार से उड़ते हैं। इन ड्रोन्स के मिलने के बाद भारत ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन पर भी आसानी से नजर रख सकेगा। डिफेंस के लिहाज से देखें तो सर्विलांस सिस्टम के मामले में भारत इन दोनों देशों से काफी आगे निकल जाएगा।

– नया प्रिडेटर अपने बेस से उड़ान भरने के बाद 1800 मील (2,900 किलोमीटर) उड़ सकता है। 50 हजार फीट की ऊंचाई पर 35 घंटे तक रह सकता है। इसके अलावा इस पर 6500 पाउंड का पेलोड (भार) रखा जा सकता है। इन्हें नेक्स्ट जेनरेशन ड्रोन कहा जाता है। तय वक्त में जमीन और समंदर दोनों में मिलिट्री मिशन को अंजाम दे सकता है

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