राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद की यह पहली विदेश यात्रा पर है राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चार दिवसीय यात्रा पर जिबूती और इथोपिया गये हुए है जिबूती सिटी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि भारत का उत्थान सहयोग के नए अवसरों को जन्म दे रहा है। भारत और विश्व के बीच सेतु के निर्माण में भारतीय प्रवासियों की अहम भूमिका है।
कल यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने भारत के उच्च विकास पथ का जिक्र करते हुए कहा कि इससे सहयोग के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। कोविंद जिबूती आने वाले पहले भारतीय नेता हैं।
उन्होंने कहा कि भारत का उत्थान सहयोग के नए अवसरों के दरवाजे खोल रहा है। भारत और विश्व के बीच सेतु के निर्माण में हमारे प्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
जिबूती और इथियोपिया की अपनी चार दिन की यात्रा के पहले चरण में कोविंद कल यहां पहुंचे। यह राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा कि वे अपनी जड़ों को नहीं छोड़ें।
उन्होंने कहा, हम चाहे जहां भी रहें, हमें अपनी जड़ों को नहीं छोडऩा चाहिए। कोविंद ने कहा कि इस अफ्रीकी देश के दौरे पर आने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति होने पर वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह कोई संयोग नहीं है बल्कि सोच-समझकर लिया गया फैसला है। इस खूबसूरत महाद्वीप के साथ संबंधों की हमारे दिलों में खास जगह है। कोविंद ने कहा कि हमें जोडऩे वाले महासागर का नाम भले ही भारतीय हो लेकिन यह हम सभी का है। चलिए इसे हम सबको एक साथ जोडऩे दें जैसा कि सदियों पहले था। राष्ट्रपति ने वर्ष 2015 में यमन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने में भारत की मदद करने पर जिबूती का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, जिबूती की मदद से हमने राहत अभियान को अंजाम दिया था और यह विदेशों में बसे हमारे लोगों के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यमन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के अभियान को राहत अभियान नाम दिया गया था। इसका खाका अफ्रीकी देश जिबूती से तैयार हुआ था। जिबूती यमन का नजदीकी देश है। यहां ऑपरेशन राहत का क्रियान्वयन सरलता से सुनिश्चित करने के लिए एक शिविर कार्यालय स्थापित किया गया था।
बचाए गए लोगों को जिबूती लाया गया जहां से उन्हें भारतीय वायु सेना के विमान के जरिए भारत भेजा गया। ऐसी उम्मीद है कि दो अफ्रीकी देशों के दौरे में राष्ट्रपति विदेश विमर्श कार्यालय शुरू करने और इथियोपिया के साथ वृहतर आर्थिक सहयोग पर समझौते कर सकते हैं।
जिबूती के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार वर्ष 2016-17 में 28.4 करोड़ डॉलर का था। भारत ने जिबूती को सीमेंट संयंत्र स्थापित करने के लिए 4.9 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता दी है।