रूस ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली के उत्तर कोरिया को लेकर दिये गये बयान को खून का प्यासा होने जैसा बताया और कहा कि इससे स्थिति और बदतर हो सकती है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने अपने इतालवी समकक्ष के साथ रोम में एक संवाददाता सम्मेलन में आज यह कहा। दो दिन पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा था कि अगर उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों को लेकर युद्ध होता है तो देश को पूरी तरह तबाह कर देंगे।
रूस की समाचार एजेंसियों ने लावरोव के हवाले से कहा, अगर कोई उत्तर कोरिया को नष्ट करने के लिए बल का इस्तेमाल करने के लिए आतुर हैं जैसा कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत ने कहा तो यह लड़ाई के लिए उकसावे वाला बयान है। हेली ने उत्तर कोरिया के हालिया बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद यह बात कही थी।
कोरिया पर सुरक्षा परिषद में बैठक ः संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद 15 दिसंबर को उत्तर कोरिया के परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम पर बैठक करेगी। इसके अलावा परिषद इसी महीने में उत्तर कोरिया में मानव अधिकारों के हनन पर भी चर्चा करेगी। दिसंबर महीने के लिए 15 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष जापान के अमेरिकी राजदूत कोरो बेसहो ने कहा है कि 15 दिसंबर को होने वाली बैठक में कई मंत्री हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया में मानव अधिकारों पर बैठक 11 दिसंबर को आयोजित होगी।
चीन ने अपने प्रक्रियात्मक वोट के जरिए पिछली तीन मानवाधिकार बैठकों को रोकने का असफल प्रयास किया है। इस मसौदा पारित करन के लिए कम से कम नौ मतों की आवश्यकता होती है। अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस अपने वीटो का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इस वर्ष की बैठक को नौ सदस्य देश अमेरिका, फ्रांस, इटली, जापान, सेनेगल, स्वीडन, यूक्रेन और यरुग्वे का समर्थन प्राप्त है। उत्तर कोरिया मानवाधिकार हनन के आरोपों से लगातार इनकार करता रहा है और गंभीर मानवीय स्थिति के लिए पाबंदियों को दोषी ठहराता है।
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