बीजिंग : भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार बीते साल 2017में 84.44अरब डॉलर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया। यह आंकड़ा दोनों देशों के बीच डोकलाम विवाद और अन्य मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद हासिल हुआ है। चीन के साधारण सीमा शुल्क प्रशासन के आंकड़ों से यह तथ्य सामने आया है। आंकड़ों से पता चलता है कि 2017में चीन को भारत का निर्यात करीब 40प्रतिशत बढ़कर 16.34अरब डॉलर पर पहुंच गया।
वर्ष 2017में द्विपक्षीय व्यापार 18.63प्रतिशत बढ़कर 84.44अरब डॉलर रहा। यह एक ऐतिहासिक आंकड़़ा है क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार पहली बार 80अरब डॉलर के पार गया है। यह पिछले साल दर्ज 71.18अरब डॉलर के आंकड़ें से अधिक है। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच कई मुद्दों मसलन चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा,चीन द्वारा जैश ए मोहम्मद के मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध के भारतीय प्रयास में अड़चन, एनएसजी में भारत के प्रवेश पर चीनी बाधा और 73दिन तक चला डोकलाम विवाद को लेकर तनाव बना हुआ है। इसके बावजूद द्विपक्षीय व्यापार नई ऊंचाई पर पहुंचा है।
दोनों देशों के बीच पिछले कई बरस से आपसी व्यापार 70अरब डॉलर पर टिका हुआ था। हालांकि,दोनों देशों के नेताओं ने 2015तक इसे 100अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा था। यह लक्ष्य से अब भी करीब 20अरब डॉलर कम है। दोनों पक्षों के अधिकारियों का मानना है कि इस साल व्यापार और भारत में चीन का निवेश रफ्तार पकड़ेगा क्योंकि दोनों ही सरकारें तनाव कम करने का प्रयास कर रही हैं और सामान्यीकरण की प्रक्रिया को तेज कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस साल जून में क्विंगडाओ में शांगहाए सहयोग संगठन (एससीओ)शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है। चीन के नेता भी इस साल भारत यात्रा पर आ सकते हैं।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।