बीजिंग : चीनी सेना के एक विशेषज्ञ का कहना है कि विवादित दक्षिण चीन सागर में सिंगापुर के साथ बड़े नौसैन्य अभ्यास कर रहा भारत दरअसल अपना वह वादा तोड़ रहा है, जिसमें उसने कहा था कि इस संवेदनशील मुद्दे पर वह चीन को उकसाने का काम नहीं करेगा।
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स में सेवा दे चुके सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग के हवाले से कहा कि पनडुब्बी रोधी हथियारों की तैनाती को देखकर लगता है कि अभ्यासों का उद्देश्य स्प्ष्ट तौर पर हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों को प्रभावित करना है। भारत इन्हें क्षेत्र में अपने प्रभाव के समक्ष एक ‘खतरे’ के तौर पर देखता है।
सोंग ने कहा, ”भारत ने यह वादा किया था कि वह दक्षिण चीन सागर से जुड़े विवादों में पक्षपात नहीं करेगा और चीन को उकसाएगा नहीं। लेकिन वह (भारत) क्षेत्र में ऐसे बड़े अभ्यास करके अपने वादे को तोड़ रहा है।” भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं ने पिछले गुरूवार दक्षिण चीन सागर में सात दिवसीय समुद्री अभ्यास शुरू किया है।
इस अभ्यास का कूट नाम ‘सिमबेक्स’ (सिंगापुर-भारत मरीटाइम द्विपक्षीय अभ्यास) का लक्ष्य दोनों नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाना है। चीन ने कहा था कि यदि इस तरह के संपर्क और सहयोग क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए हों, तो उसे अभ्यासों पर कोई आपत्ति नहीं है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने 19 मई को कहा, ”हम बस यही उम्मीद करते हैं कि जब प्रासंगिक देश इस तरह के संपर्क या सहयोग करते हैं तो उन्हें अपने दिमाग में यह बात रखनी चाहिए कि इस तरह की गतिविधियां दूसरे देशों के हितों को नुकसान न पहुंचाएं और इनका क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े।”