एक जोड़े को कई महीने की जेल की सज़ा इसलिए दी गई है क्योंकि वे कार में एक दूसरे को चूम रहे थे। ये मामला ट्यूनीशिया का है। अल्जीरियाई मूल के फ्रांसीसी नौजवान नसीम अवदी और उनकी ट्यूनीशियाई गर्लफ़्रेंड को ये सज़ा पिछले हफ़्ते बुधवार को कोर्ट ने सुना। तभी से ट्यूनीशिया की सोशल मीडिया पर ये मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. नसीम 33 बरस के हैं और उनकी गर्लफ़्रेंड की उम्र 44 है। बात यहां तक बढ़ी कि इस मामले में ट्यूनीशिया में फ्रांसीसी दूतावास को दखल देना पड़ा।
नसीम के वकील ने कहा, ”दोनों ने क्लब से निकलने से पहले थोड़ी सी शराब पी थी और कार के भीतर एक दूसरे को चूम रहे थे। वहां पुलिस से उनकी झड़प हुई और पुलिस उन्हें थाने लेकर आ गई।”
कोर्ट के प्रवक्ता के मुताबिक़ ये मामला सार्वजनिक नैतिकता के ख़िलाफ़ है। हालांकि उनका कहना है कि इस जोड़े को सज़ा इसलिए दी गई क्योंकि उन्होंने एक सरकारी मुलाज़िम को उसकी ड्यूटी करने से रोका था। जज ने नसीम को चार महीने और उनकी गर्लफ़्रेंड को तीन महीने की जेल की सज़ा सुनाई है। इस मामले के बाद नसीम की मां ने ट्यूनीशिया आकर फ्रांसीसी दूतावास से मदद मांगी।
इस वाकये को लेकर ट्यूनीशिया की सोशल मीडिया में लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक ने कहा, ”ट्यूनीशिया में गर्लफ़्रेंड को चूमने पर आपको चार महीने की जेल हो सकती है। जबकि किसी को पीटने पर कोई सज़ा नहीं होती।”
एक इंटरनेट यूजर ने लिखा है। ”नौजवान जोड़ों को मोहब्बत के गुनाह के लिए जेलों में भेजा जा रहा है।” फ्रांस के राजदूत ने अपनी फ़ेसबुक पोस्ट में इसका जिक्र करते हुए नसीम की मां को क़ानूनी मदद का भरोसा दिलाया है।
सामान्य तौर पर महिलाओं के अधिकारों के मामले में दूसरे अरब मुल्कों के बनिस्बत ट्यूनीशिया को थोड़ा आधुनिक माना जाता है। ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति भी मर्दों और औरतों के लिए बराबरी के हक़ की बात करते सुने जाते रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ने इस घटना के बाद लोगों से सड़कों पर आकर किस कैम्पेन चलाने का आह्वान किया है।
दूसरी तरफ कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को ये भी लगता है कि 2011 की क्रांति से मिली स्वतंत्रताओं को ग़लत तरीके से समझा गया है और ऐसे मुद्दे ट्यूनीशिया समाज की प्राथमिकता में नहीं है।