पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने खिलाफ पनामा पेपर कांड से जुड़ भ्रष्टाचार के मामलों में चल रही सुनवाई के संबंध में आज भ्रष्टाचार-रोधी अदालत में पेश हुए। अदालत ने इन मामलों की सुनवाई 7 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
उनके वकील ख्वाजा हैरिस ने बताया कि लंदन से कल स्वदेश लौटे शरीफ ने सुनवाई के दौरान 26 अक्तूबर को अपने खिलाफ जारी जमानती वारंट के खिलाफ 50 लाख रुपये के दो मुचलके जमा कराये। शरीफ (67) और उनके परिवार के कई सदस्य लंदन में संपथि स्वामित्व के संबंध में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
अघोषित आय के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित किये जाने के बाद शरीफ को जुलाई में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ था। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने आठ सितंबर को शरीफ, उनके बच्चों और दामाद के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए थे। लंदन से कल लौटे शरीफ आज अपने कानूनी अमले के साथ अदालत पहुंचे थे।
गौरतलब है कि शरीफ गले के कैंसर से जूझ रहीं अपनी पत्नी कुलसुम नवाज के पास पिछले महीने लंदन गये थे। आज की सुनवाई में शरीफ की बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर भी उपस्थित थे।
सुनवाई की शुरुआत में बचाव पक्ष ने जवाबदेही न्यायाधीश से इस्लामाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर विचार करने को कहा जिसने कल जवाबदेही अदालत को आदेश दिया था कि वह भ्रष्टाचार के तीनों मामलों को एक साथ जोड़ने के संबंध में शरीफ की याचिका पर फिर से विचार करे। इस दलील के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 7 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
शरीफ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी किसी को खुश करने के लिए उनके खिलाफ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे कुछ नहीं कहना है क्योंकि मौजूदा हालात और कार्रवाई सभी के सामने है। अदालत के आसपास आज कड़ सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी। शरीफ को तीन मामलों में उनकी गैर मौजूदगी में आरोपित किया गया था।
मरियम और सफदर को उनके साथ एक मामले में आरोपित किया गया था जबकि तीन मामलों में सह-आरोपी उनके दो पुत्रों हुसैन और हसन के खिलाफ अदालत अलग से सुनवाई कर रही है। अदालत ने नौ अक्तूबर को सुनवाई के दौरान शरीफ के पुत्रों और उनकी पुत्री तथा दामाद के खिलाफ अलग से सुनवाई करने का फैसला किया था। शरीफ के परिवार ने आरोप लगाया कि ये मामले राजनीति से प्रेरित है।