पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स कांड में अयोग्य ठहराये जाने वाले फैसले की समीक्षा के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनके बच्चों और वित्त मंत्री इशाक डार की ओर से दायर याचिका को आज खारिज कर दिया। इससे पहले, याचिका दायर करने वाले सभी लोगों के वकीलों की दलीलें पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने समीक्षा याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 28 जुलाई के अदालत के फैसले की समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई की। उस आदेश में अदालत ने 67 वर्षीय शरीफ को बेइमानी के मामले में अयोग्य ठहराते हुए उनके, उनके बच्चों- हुसैन, हसन और मरियम नवाज तथा दामाद मोहम्मद सफदर तथा डार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने को कहा था।
न्यायमूर्ति खोसा ने कहा, कारणों का खुलासा बाद में किया जाएगा, इन सभी समीक्षा याचिकाओं को रद्द किया जाता है। डॉन की खबर के अनुसार, फैसले के कारणों का बाद में विस्तृत आदेश में खुलासा किया जाएगा। समीक्षा याचिका रद्द होने के बाद संसद सदस्यता के लिए शरीफ को अयोग्य घोषित किया जाना वैध है। शरीफ परिवार और डार को अब जवाबदेही अदालत में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की ओर से दायर भ्रष्टाचार के मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कल शरीफ से कहा था कि वह न्यायालय में विश्वास रखें जिसने अतीत में हमेशा उनका बचाव किया है। शरीफ की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ख्वाजा हैरिस अहमद से मुखातिब होते हुए न्यायमूर्ति आसिफ सइद खोसा ने कहा, सिर्फ एक फैसला आपके खिलाफ आने से सशंकित होने की जरूरत नहीं है। शरीफ के वकील ने आशंका जतायी थी कि जवाबदेही अदालत में संभवत: उनके मुव्वकिल के साथ निष्पक्ष सुनवाई ना हो सके। इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने उक्त टिप्पणी की।