पनामा पेपर लीक मामले में पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय ने नवाज शरीफ को दोषी करार दिया है। जिसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और केंद्रीय मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर दिया गया है।
आपको बता दे कि पनामा पेपर लीक मामले में पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय आज नवाज शरीफ को दोषी करार दिया गया है। पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय के कोर्टरूम संख्या 1 में पांच-सदस्यों की खंडपीठ ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इसमें जस्टिस आसिफ सईद खान खोसा के अलावा जस्टिस गुलजार अहमद, जस्टिस एजाज अफजल खान, जस्टिस इयाज उल अहसान और जस्टिस शेख अजमत सईद शामिल थे। इस फैसले के बाद पाकिस्तान का राजनीतिक भविष्य एक बार फिर दांव पर है। गौरतलब है कि इस मामले की जांच के लिए बनाई गई जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी।
आपको बता दे कि पनामा पेपर लीक मामला सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके बेटे-बेटी से जुड़ा हुआ है। वही उच्चतम न्यायालय उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद छोड़ना कहा ।
इस फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस्लामाबाद और रावलपिंडी को एहतियातन हाई अलर्ट पर रखा गया है। न्यायालय ने बीती 21 जुलाई को मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हम याचिकाकर्ताओं और प्रतिवादियों के मौलिक अधिकारों के प्रति सचेत हैं। उच्चतम न्यायालय ने 10 खंडों वाली रिपोर्ट का अंतिम हिस्सा भी खोला जिसे संयुक्त जांच दल ने दाखिल की थी।
नवाज शरीफ के परिवार के विदेश में संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच के लिए संयुक्त जांच दल का गठन किया गया था और जेआईटी ने 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी थी। रिपोर्ट में उनपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
वही विपक्षी पार्टी के इमरान खान ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भाई शाहबाज शरीफ पर काफी संगीन आरोप लगाए हैं। इमरान का कहना है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उच्चतम न्यायालय का फैसला उनके खिलाफ आने की सूरत में उच्चतम न्यायालय पर हमले की योजना तक तैयार की है। वहीं उन्होंने आरोप लगाया है कि शाहबाज के लिए पहले उनका बिजनेस है और बाद में देश आता है। वह अपने हर फैसले अपने बिजनेस को ध्यान में रखते हुए ही लेते हैं।
क्या है पनामा पेपर्स मामला
पनामा पेपर्स मामला ने इंटरनेशनल मंच पर इसने तहलका मचा रखा है । इस मामले में पनामा पेपर्स के नाम से लीक हुए Documents में जो नाम आये है, उससे हगंमा मच गया है। इन दस्तावेजों में लगभग 500 भारतीयों के नाम भी है, जिसमें राजनीतिक हस्तियों से लेकर फिल्मी सितारे और खिलाड़ियों का भी अपराधिक चिट्ठा शामिल है।
पनामा एक देश है जो मध्य अमेरिका में स्थिति है जहां मोजैक फोंसेका नामक एक फर्म है जिसका काम के धन को सफेद करना है । गौरतलब है कि इस पनामा पेपर्स के पीछे कई पत्रकारों की अंतर्राष्ट्रीय संघ की टीम काम कर रही थी। पनामा पेपर्स इस तरह से काम करने वाला अपने आप में दुनिया का एक बड़ा संगठन है। इस खुलासे के पीछे पिछले एक वर्ष से करीब 80 देशों के 100 से अधिक मीडिया संगठनों के 400 पत्रकारों ने दस्तावेजों का गहन शोध किया है।