इस्लामाबाद : पनामागेट प्रकरण में फंसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब उनके बेटी मरियम नवाज और बेटे हुसेन नवाज पर भी जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है। गुरुवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उनके बच्चों को चेताते हुए कहा कि यदि उनकी ओर से पेश किए गए दस्तावेज जाली पाए गए तो उन्हें को सात साल तक की सजा हो सकती है. इससे पहले नवाज शरीफ के परिवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने पाया था कि उनके बच्चों द्वारा पेश किए गए अनेक दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई है।
पाकिस्तानी शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय खंडपीठ 10 जुलाई को जेआईटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद रोज इस मामले की सुनवाई कर रही है। सोमवार से शुरू हुई सुनवाई का आज लगातार चौथा दिन था। नवाज शरीफ और उनके परिवार पर लगे मनीलॉन्डरिंग के आरोपों की जांच कर रही जेआईटी ने पाया कि नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज द्वारा पेश स्ट डीड को च्कैलीबरीज् फॉन्ट में लिखा गया है। यह डीड 2006 में बने होने का दावा किया गया है, लेकिन इस फॉन्ट का व्यावसायिक इस्तेमाल 2007 से शुरू हुआ था. ऐसे में जेआईटी का मानना है कि यह डीड 2006 के बाद तैयार की गई। इस डीड के नकली होने की एक और वजह यह भी है कि इसे लंदन में शनिवार को तैयार किया गया, लेकिन इस दिन वहां के नोटरी कार्यालय में छुट्टी होती है। इन वजहों से जेआईटी ने अदालत को बताया है कि ये दस्तावेज नकली हो सकते हैं।
फर्जी दस्तावेज देने के आरोप प्रधानमंंत्री के बेटे हुसेन नवाज पर भी हैं। जेआईटी के अनुसार दुबई सरकार ने साफ किया है कि हुसेन नवाज द्वारा पेश गल्फ स्टील मिल्स के दस्तावेज का कोई रिकॉर्ड नहीं है। संभावना है कि कल तक इस मसले पर सुनवाई पूरी हो जाएगी।
अदालत ने आज नवाज शरीफ के बच्चों के वकील को अदालत में पेश दस्तावेज मीडिया में लीक करने को लेकर भी चेताया है। हालांकि वकील ने इससे इनकार किया। अदालत ने आज भी शरीफ परिवार से यूएई, सउदी अरब, कतर और ब्रिटेन में फैले उनके विभिन्न कारोबारों में पैसे के लेन-देन के रिकॉर्ड के बारे में पूछताछ की।