म्यांमार में जिस तरह से रोहिंग्या मुसलमानों को बेघर किया गया उसके बाद दुनियाभर में इस मुद्दे को लेकर चर्चा थी, जिसके बाद आखिरकार बांग्लादेश ने इन लोगों को बसाने की बात कही थी। लेकिन एक बार फिर से म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों को पूरी तरह से देश से खत्म करने की रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार के रखाइन स्टेट में मौजूद रोहिंग्या मुसलमानों के दर्जनों गांवों को बुलडोजर चलाकर खत्म किया जा रहा है, इनके घरो को तोड़ा जा रहा है।
वहीं म्यांमार की सरकार कुछ भी गलत किए जाने की बात को लगातार खारिज कर रही है। सरकार का कहना है कि रखाइन स्टेट में आतंकवादी समूहों को जवाब देने के लिए ऑपरेशन किया जा रहा है।
द इंडिपेंडेंट के मुताबिक एक महिला ने बताया कि जब वह बांग्लादेश से अपने घर मायिन ह्लट वापस लौटी थी तब उसे वहां की हालत देखकर काफी हैरानी हुई थी। उसने बताया कि बहुत से घरों को पिछले साल जला दिया गया और सब कुछ खत्म कर दिया गया। यहां तक कि वहां पेड़ों को भी नष्ट कर दिया गया। महिला ने एपी को बताया, ‘उन्होंने बुलडोजर से सब कुछ नष्ट कर दिया। मैंने बड़ी मुश्किल से अपना घर पहचाना। सभी घर अब खत्म हो चुके हैं। सारी यादें भी जा चुकी हैं। उन्होंने सब कुछ खत्म कर दिया।
वहीँ म्यांमार सरकार ने क्रूरता को छिपने के लिए दावा किया है कि वह सिर्फ तबाह हुए क्षेत्र के पुनर्निर्माण की कोशिश कर रहा है। इस अभियान पर मानव अधिकारों ने गहरी चिंता ज़ाहिर की है। उनका कहना है कि सरकार किसी भी विश्वसनीय जांच के पहले होने वाले अपराध दृश्यों को नष्ट कर रही है। इस ऑपरेशन से रोहिंग्या मुसलमानों के दिलों में डर बना हुआ है। जो मानते हैं कि सरकार जानबूझकर ऐसा काम कर रही है ताकि वह कभी वापिस ना जा सकें।
एएफपी के मुताबिक, एक विस्थापित रोहिंग्या महिला ज़ुबैरा, जिसका गांव नष्ट होने वाले गांवों में था। उन्होंने कहा कि उन्होंने हाल ही में मयिन हलत में अपने पूर्व घर का दौरा किया और उसने जो देखा वह उसे देखकर हैरान रह गयी। ज्यादातर घरों को पिछले साल नष्ट कर दिया गया था। लेकिन अब, “सब कुछ खत्म हो चुका है, यहाँ तक कि, पेड़ों को भी नहीं छोड़ा गया।
18 वर्षीय लड़की ने कहा कि यहाँ वह घर भी थे जो नष्ट नहीं किए थे अब उन्हें भी गिरा दिया गया है. हमारे घरों की सभी यादें अब मिट चुकी है हमारे पास अब खोने को कुछ नहीं बचा है।
आपको बता दे कि पिछले साल रखाइन हिंसा में भड़की थी संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि रखाइन में हिंसा भड़कने के बाद 15 दिनों में लगभग तीन लाख रोहिंग्या मुसलमान पलायन कर बांग्लादेश पहुंचे थे। आंकड़े के अनुसार लगभग एक दिन में 20 हजार रोहिंग्याओं ने पलायन किया था। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता जोसेफ त्रिपुरा ने कहा था कि पिछले साल 25 अगस्त के बाद से लगभग दो लाख 90 हजार रोहिंग्या बांग्लादेश पहुंचे। म्यांमार में जो हिंसा भड़की थी, उसमें कई हजार घर को जला दिया गया था। महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया गया था और उनका शोषण किया गया था। जिंदा लोगों को जला दिया जाता था। लोग अपनी जान बचाने के लिए यहां से भागकर दूसरे देश में शरण ले रहे थे।