सीरियाः रूस की सेना ने दुनिया के खतरनाक आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएसआइएस) के शीर्ष कमांडर्स पर फादर ऑफ ऑल बॉम्ब से हमला बोला है। रूस की ओर से जारी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि व्लादिमिर पुतिन की सेना ने सीरिया के पूर्वी शहर देरअल-ज़ोर में इस्लामिक स्टेट के नेताओं के ऊपर सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम गिराया है। इससे पहले रूस ने सात सितंबर को सीरिया में इस्लामिक स्टेट के चार शीर्ष कमांडर समेत 40 आतंकवादियों को मारने का दावा किया था।
रूस के रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि उनके सैनिकों ने सीरिया के पूर्वी शहर देरअल-ज़ोर के बाहर एक हवाई हमले में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के चार नेताओं बड़े नेताओं को मार गिराया है। रूस की समाचार समितियों ने सात सितंबर को रक्षा मंत्रालय के एक बयान के हवाले से बताया था कि हवाई हमले में 40 आतंकवादी मारे गये थे। दावा किया गया है कि मारे जाने वालों में आतंकवादी नेता अबू मुहम्मद अल-शिमाली और गुलमुरोद खलीमोव भी शामिल था।
मालूम हो कि अल-शिमाली सीरिया में विदेशी लड़ाकों के अभियान का नेतृत्व कर रहा था। साथ ही शहर में नयी भर्तियां भी कर रहा था। इस शहर में सीरिया के सरकारी बलों और इस्लामिक स्टेट के बीच काफी समय से भारी संघर्ष जारी है। आतंकवादियों ने इस शहर पर वर्षों से कब्जा कर रखा है। राष्ट्रपति बशर अलअसद के सैनिकों ने मंगलवार पांच सितंबर को शहर के कुछ हिस्सों को आतंकवादियों के कब्जे से मुक्त कराया था। आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी इसे मानी जा रही है। कहा जाता है कि फादर आफ आल बम 44 टन टीएनटी से बना होता है, जो इस साल के शुरूआत में अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान के तोराबोरा में तालिबान आतंकियों पर गिराये गये मदर आफ आल बम से भी ज्यादा शक्तिशाली है और विध्वंसक है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने कहा है कि सीरियाई सरजमीं से आतंकवाद फैला रहे आतंकवादियों का खात्मा जरूर होना चाहिये। इससे पहले कि वे यहां से बचकर निकल भागे या दूसरे देशों के लिए खतरा बने, उनको खत्म कर देना चाहिये। आतंकवाद को हम किसी अन्य देश के लिये खतरा नहीं बनने देंगे। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक लावरोव ने शुक्रवार आठ सितंबर को मॉस्को में फ्रांसीसी समकक्ष जीन युवेस ली ड्रायन के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये यह बयान दिया था।
लावरोव ने कहा था कि हम फ्रांस की इस चिंता से सहमत हैं कि आंतकवादी सीरिया से यूरोप, एशिया या रूस भागकर नये खतरे पैदा कर सकते हैं। जबकि दूसरी ओर रूसी राजनयिक ने कहा कि रूस और फ्रांस दोनों राजनयिक तरीकों से सीरियाई संघर्ष खत्म करने की जरूरत पर सहमत हैं। इस पर ली ड्रायन ने कहा है कि सीरिया में राजनीतिक बदलाव के लिए सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की बर्खास्तगी ही जरूरी शर्त नहीं होनी चाहिये।