इस्लामाबाद : कल तक कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत को नसीहत देने और धमकी भरे लहजे में बात करने वाले पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा के सुर बदल गए हैं। पाक सेना चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कश्मीर मुद्दे का हल बातचीत और शांति से करने की वकालत की है। जनरल कमर जावेद बाजवा का यह बयान हैरान कर देने वाला है।
जनरल बाजवा ने रक्षा दिवस के मौके पर आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में कहा कि कश्मीर मुद्दे का हल राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर होना चाहिए। इस कार्यक्रम में बाजवा ने कहा कि तरक्की के लिए शांति जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लाखों लोगों की भलाई स्थाई शांति में ही है। बाजवा ने कहा कि भारत भी कश्मीर मुद्दे पर पाक की निंदा करने और कश्मीरियों पर सेना थोपने की जगह इस मुद्दे का राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर समाधान ढूंढे।
बाजवा ने कहा कि दक्षिण एशिया में परमाणु हथियार हम नहीं लेकर आए। उन्होंने कहा कि हमारे परमाणु हथियार शांति बनाए रखने के लिए है। बाजवा ने भारत का नाम लिए बगैर कहा कि यह हमारा उस पडोसी देश को जवाब है, जो ताकत में कहीं आगे है। यह वही देश है, जो दक्षिण एशिया में एक गैर परंपरागत युद्ध लेकर आया है।
ज़ाहिर है हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक स्थिरता में लगातार सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए ब्रिक्स देशों की सराहना करते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद को लेकर अपना रवैया बदलने को कहा था।
एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के शियामेन में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पांचों देशों ने अफगानिस्तान में तत्काल हिंसा समाप्त करने की वकालत की। ब्रिक्स देशों ने अपने घोषणापत्र में अफगान तालिबान, इस्लामिक स्टेट समूह, अल-कायदा, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-ए-तालिबान और हिजबुत तहरीर आतंकवादी संगठनों के नामों का उल्लेख किया था।
ऐसा पहली बार हुआ कि ब्रिक्स देशों ने क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के नाम घोषणापत्र में शामिल किए और इन पर लगाम लगाने पर भी चर्चा की।