रियाद : सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों ने आज ऐसे 18 संगठनों और लोगों को आतंकी दायरे में रख एक काली सूची जारी की जिनके बारे में उन्हें संदेह है कि उनके कतर से संबंध हैं। चार अरब सरकारों का यह कदम ऐसे समय आया है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय उनके द्वारा किए गए कतर के बहिष्कार पर समझौता करने को लेकर उन पर दबाव बना रहा है। सऊदी प्रेस एजेंसी की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस, ने नौ धर्मार्थ एवं मीडिया संगठनों तथा नौ व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में काली सूची में डाल दिया है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कतरी अधिकारियों से जुड़े हैं।
बयान में कहा गया, हम कतरी अधिकारियों से अगले कदम और आतंकी समूहों तथा लोगों पर मुकदमा चलाने की उम्मीद करते हैं। चारों देशों की सरकारें गत पांच जून से कतर का बहिष्कार किए हुए हैं जो वषो’ में क्षेत्र का सबसे बड़ा कूटनीतिक संकट है। उन्होंने सीमा को सील कर दिया, कतरी नागरिकों से बाहर चले जाने को कहा और कतर की उड़ानों तथा जहाजों के लिए अपना हवाई एवं जलक्षेत्र बंद कर दिया।
उनकी मांग है कि कतर मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ लंबे समय से चले आ रहे संबंध खत्म करे जिसे चारों सरकारों ने आतंकी समूह के रूप में काली सूची में डाल रखा है।
उनकी यह भी मांग है कि कतर को अलजजीरा चैनल और एक तुर्की सैन्य प्रतिष्ठान को बंद करना चाहिए तथा उसे क्षेत्र में सऊदी नीत नीति के अनुसार चलना चाहिए, खासकर ईरान के संबंध में। कतर ने इन मांगों को खारिज कर दिया है और इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। उसे अपने सहयोगी तुर्की से महत्वपूर्ण समर्थन मिला है। अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन संकट के समाधान का प्रयास कर रहे हैं और उन्होंने आतंकियों को विथीय मदद के किसी संदेह को दूर करने में कतर के प्रयासों पर संतोष जताया है। पिछले हफ्ते वह क्षेत्र में चार दिन गुजार चुके हैं।