इस्लामाबाद : भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में मिली पहली हार के बाद पाकिस्तान सरकार अपने ही देश में सवालों में घिर गई है। नवाज शरीफ सरकार ने आनन फानन में इंटरनैशनल कोर्ट में वकीलों की अपनी टीम बदलने का ऐलान कर दिया है। जाधव की फांसी पर स्टे के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को ICJ में पाकिस्तान की ओर से एक अर्जी दायर की गई। इसमें छह हफ्ते के अंदर फिर से सुनवाई की गुहार लगाई गई है।
ICJ में करारे झटके के बाद नवाज सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है। मामले को ठीक से न संभाल पाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने तो इसे नवाज की हाल में भारतीय बिजनेसमैन सजन जिंदल के साथ कथित गुप्त मुलाकात से जोड़ते हुए कहा कि आईसीजे का फैसला शरीफ-जिंदल वार्ता का ही नतीजा है।
उधर, नवाज के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि सरकार अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए वकीलों की नई टीम का सहारा लेगी। जाधव से राजनयिक संपर्क की भारत को छूट देने के इंटरनैशनल कोर्ट के फैसले पर अजीज ने कहा कि अभी फैसला नहीं लिया गया है। पाकिस्तान की सुरक्षा सबसे ऊपर है और हमें अपनी संप्रभुता के मौलिक अधिकार को बनाए रखना है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि जाधव का मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा है और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, मिलिट्री कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपीलीय अदालत में याचिका दायर करने की समयसीमा शनिवार को खत्म हो रही है। अपीलीय कोर्ट भी फांसी का फैसला नहीं बदलता तो उसके 60 दिन के अंदर पाकिस्तानी आर्मी चीफ के यहां माफी की याचिका दाखिल की जा सकेगी।