केंबर्ली : ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद रक्षा, सुरक्षा और सीमाओं पर निकट सहयेाग बढ़ाने के संकल्प की सैन्य पृष्ठभूमि में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने मुलाकात की। मैक्रों ने साथ ही यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि यदि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से निकलने के बाद इसके नियमों का पालन नहीं करता तो उसे ब्रेग्जिट के बाद अपने वित्तीय क्षेत्र के लिए संघ में इच्छित पहुंच नहीं मिलेगी। मैक्रों ने टेरीजा के साथ कल एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘विकल्प ब्रिटेन को चुनना है, मुझे नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आपको वित्तीय सेवाओं सहित एकल बाजार में पहुंच चाहिए, तो मेरे मेहमान बनिए, लेकिन इसका मतलब यह है कि आपको बजट में योगदान देना होगा और यूरोपीय अधिकार क्षेत्र को स्वीकार करना होगा।’’ टेरीजा ने कहा कि ब्रिटेन एकल बाजार को छोड़ेगा लेकिन वह संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता चाहता है जिसमें माल एवं सेवाएं दोनों शामिल हों। उन्होंने कहा कि ब्रेग्जिट के बाद भी लंदन बड़ा वित्तीय केंद्र रहेगा। यह मैक्रों की मई 2017 में फ्रांस के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद ब्रिटेन की पहली यात्रा है। इस यात्रा का लक्ष्य दोनों देशों के बीच सुरक्षा एवं खुफिया संबंधों को मजबूत करना और ऐसे समय में सद्भावना विकसित करना है, जब ब्रिटेन ईयू से बाहर निकलने की प्रक्रिया के दौरान वार्ता कर रहा है।
दोनों नेताओं ने लंदन स्थित सैंडहर्स्ट सैन्य अकादमी में बैठक की। इस परिसर का चयन यह संकेत देने के लिए किया गया कि पश्चिमी यूरोप की दो बड़ी सैन्य शक्तियों के संबंध मार्च 2019 में ईयू के ब्रिटेन से बाहर जाने के बाद भी कमजोर नहीं होंगे। दोनों देशों के मंत्रियों ने एक दिवसीय बैठक में हिस्सा लिया और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अन्वेषण से लेकर ऑनलाइन आतंकवाद से निपटने संबंधी कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
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