सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले ईस्टर्न घोउटा में इस वक्त बेहद खौफनाक मंजर है। सीरियाई सेना ने अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। बमबारी और गोलीबारी से पूरा इलाका थरार्या हुआ है। चारों तरफ चीख-पुकार की गूंज है और सीरिया को हालिया वर्षों में अब तक की सबसे बड़ी मानव क्षति का सामना करना पड़ा है। वहीं पिछले 48 घंटों में आम नागरिकों की मौत का जो आंकड़ा सामने आया है, वो 2013 के रासायनिक हमले के बाद सबसे ज्यादा है।
आपको बता दे कि सीरियाई सेना ने दमिश्क के पास गौता इलाके में विद्रोहियों को निशाना बनाकर लगातार दो दिन से किए गए हवाई हमले में 250 लोग मारे गए। इसमें 50 से अधिक बच्चे मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि हालात नियंत्रण से बाहर हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि सोमवार और मंगलवार के हमले में कम से कम छह अस्पतालों को निशाना बनाया गया। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता रीयाल लेबलांक ने कहा कि नागरिकों, अस्पतालों और स्कूलों के खिलाफ़ लगातार हिंसा की हम पूरी तरह निंदा करते हैं। मानवीय कानून का ये चरम उल्लंघन है। हम सभी पक्षों से अपील करते हैं कि सीरिया में हिंसा की तीव्रता को कम करें।
वही , पूर्वी गौता से आ रही रिपोर्टों का सीरियाई सेना ने खंडन नहीं किया है लेकिन उसका कहना है कि उसके खिलाफ़ जहां से हमले किए गए हैं, वहां उसने सटीक हमले किए हैं। अलेप्पो से सांसद फ़ारिस शहाबी ने बीबीसी से कहा है कि सीरियाई सरकार आतंकवादियों पर हमला कर रही है, न कि नागरिकों पर। ब्रिटेन स्थित निगरानी समूह सीरियन ऑब्जर्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स का कहना है कि हवाई और जमीनी हमलों में कम से कम 250 लोग मारे गए हैं।
आपको बता दे कि सीरिया में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि सेना के हमलों के कारण अब तक 15 हजार लोग अपना घर छोड़कर जा चुके हैं। वहीं ईस्टर्न घोउटा हॉस्पिटल के डायरेक्टर ने कहा कि हम यहां घाेउटा में पिछले करीब पांच साल से हवालों हमलाें का सामना कर रहे हैं और अब इसमें हमारे लिए कुछ भी नया नहीं है। मगर इतने बड़े पैमाने पर हमने कभी नहीं देखा था। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सक दिन-रात हमलों में घायल लोगों के इलाज में लगे हुए हैं। वहीं दमिश्क के एक डॉक्टर ने कहा कि स्थिति बेहद ही विपत्तिपूर्ण है। चार-पांच अस्पताल तबाह हो गए हैं। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं।
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