भारत में जब से भजपा की सत्ता आई है उसके बाद से ही लगातार यह आरोप लगते रहे हैं कि हिन्दूवाद और हिंसा को दिन पर दिन बढ़ावा मिल रहा है । इस बात के लिए बहुत बार पीएम मोदी का निशाना बनना पड़ा है। कभी गौं रक्षा को लेकर तो कभी धर्मा को लेकर हिंसा भड़क उठती है।
पीएम मोदी के सरकार के आए दिन किए गए वादे से वह लगातार सांप्रदायिक हिंसा को रोकने का दावा भी करती है लेकिन सच कभी छुपाए नहीं छुपता और यही बात है कि सरकार पूरी तरह सेे नाकाम साबित हो रही है। अमेरिकी एक्सपर्ट का कहना कुछ ऐसा है कि अनुसार भारत में बढ़ते मजहबी हमले अल कायदा के लिए मददगार बन सकते हैं।इसलिए पीएम मोदी को इस मामले में थोड़ी गंभीरता बरतनी चाहिए । एंव यह प्रधानमंत्री मोदी की यह बहुत बड़ी भूल हो सकती है।
अमेरिकी एक्सपर्ट जोन्स ने कहा कि अल कायदा खुद को भारतीय उपमहाद्वीप में दोबारा से स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
ISIS के मजबूत होने के बाद इराक के मगरिब और साहेल में दोबारा से स्थापित करने में जुटा है। वह भारत में घुसपैठ करा सकता है। दरअसल अल कायदा भारतीय उपमहाद्वीप में मजबूत होना चाहता है। मौजूदा हालात में अल कायदा सीरिया, यमन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और जैसे कई देशों में एक्टिव है। और भारत में इन सांप्रदायिक हिंसा का माकूल फायदा उठा कर अपने पैर पसार सकता हैं।
अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप के हालात पर नजर रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि इस कारण भारत में अशांति बढ़ रही है। मजहबी हिंसा के चलते भारत आतंकियों के लिए वॉर जोन में तब्दील हो सकता है। जोन्स ने कहा, “अल कायदा का भारतीय उपमहाद्वीप में विस्तार की वजह अफगानिस्तान में तालिबान की मजबूती हो सकती है। अल कायदा के तालिबान और अन्य संगठनों जैसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और लश्कर-ए-झांगवी से भी रिश्ते हैं।”
जोन्स ने कहा, “इस आतंकी संगठन ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान में कुछ हमलों को अंजाम दिया है, जो तालिबान की अगुआई में ज्यादा कारगर नहीं होते।” बता दें कि सितंबर 2014 में अल कायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अपनी मौजूदगी का फायदा उठाने के लिए भारतीय उपमहाद्वीप में अपना क्षेत्रीय संगठन बनाने का ऐलान किया था।”
अल-जवाहिरी ने कहा था कि भारतीय उप महाद्वीप में अल कायदा के नए संगठन का नाम कायदा-अल-जिहाद है जिसके जरिये इस पूरे उप महाद्वीप में इस्लाम का राज फिर से स्थापित किया जाएगा।