आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। बता दें सीबीआई ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया कि लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित भूमि नौकरी घोटाला मामले में आरोप पत्र के संबंध में मंजूरी प्राप्त मिल गई है। हालांकि, सीबीआई के मुताबिक तीन रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मंजूरी अभी तक नहीं मिली है। सीबीआई ने कहा कि शेष मंजूरी एक सप्ताह के भीतर मिलने की उम्मीद है। मामले को 21 सितंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
जुलाई 2023 को सीबीआई ने दूसरी चार्जशीट दाखिल की
बता दें इस केस में तीन जुलाई 2023 को सीबीआई ने दूसरी चार्जशीट दाखिल की, जिसमें पहली बार तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया। तेजस्वी यादव का नाम भी आरोपी के तौर पर जब शामिल हुआ तो खूब बयानबाजी भी हुई थी।जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि इसकी आशंका तो तेजस्वी यादव को पहले से थी। तेजस्वी यादव काफी मजबूत व्यक्ति हैं। उन्होंने पहले ही कहा था कि यह सब होने वाला है।इस तरह डराने-धमकाने से कुछ नहीं होने वाला है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, नौकरी के बदले जमीन घोटाला का ये मामला 2004 से 2009 के बीच का है। उस समय लालू प्रसाद यादव केंद्र में रेल मंत्री थे। साथ ही लालू यादव परिवार पर आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में की गई नियुक्तियों के बदले उन्हें गिफ्ट में जमीन दी गई या फिर कम दाम पर जमीन बेची गई।