बिहार के राज्यपाल ने कहा कि मदरसे एक तरह के पुराने ज़माने के स्कूल हैं. वह चाहते हैं कि बिहार के मदरसे अन्य जगहों को दिखाएं कि कैसे अधिक आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से पढ़ाया जाए। आर्लेकर ने सोमवार को कहा कि मदरसा सिस्टम पारंपरिक शिक्षा पद्धति है। बिहार के मदरसों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर देश एवं दुनिया के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कर कहा कि वहां आईटी, कम्प्यूटर आदि की भी पढ़ाई होनी चाहिए। पटना के खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी में आयोजित मदरसा सिस्टम पर दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बिहार के मदरसों को देश के सामने उदाहरण बनना चाहिए।
हमारी संस्कृति को प्रतिबिम्बित करती हैं
उन्होंने कहा कि मदरसे में दी जाने वाली अच्छी शिक्षा एवं समाज व देश के हित में की जाने वाली गतिविधियों से सबको अवगत कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पटना का खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी बिहार की शान और देश की संपत्ति है। यहां की किताबें हमारी संस्कृति को प्रतिबिम्बित करती हैं। इस पुस्तकालय ने विश्व को भारत की विशेषताओं से अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश अनेक वर्षों से पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करता रहा है। यहां के लोग दूसरे देशों में अपने विचारों और विशेषताओं को लेकर गए हैं।