बॉलीवुड की गंगूबाई और नेशनल अवार्ड विनर एक्ट्रेस आलिया भट्ट इस वक़्त अपने करियर के सबसे ऊँचे मुकाम पर हैं। जहां प्रोफेशनली आलिआ की लेटेस्ट सारी रिलीज़ बॉक्स ऑफिस पर धमाका मचा चुकीं हैं वहीं आलिआ को हाल ही में उनकी ब्लॉकबस्टर फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी के लिए नेशनल अवार्ड मिला है और आलिया पर्सनल लाइफ में भी अपने ऑल टाइम क्रश से शादी करने के बाद अब वो 'मदरहुड' एन्जॉय कर रही हैं। लेकिन आलिआ के लिए ये जीवन हमेशा से ऐसा नहीं था। आज भी आलिया को कई बार उनके इस आउटस्टैंडिंग करियर के लिए उनके लक और उनके पेरेंट्स को ही क्रेडिट दिया जाता है।
बॉलीवुड से हॉलीवुड तक अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुकि आलिआ को स्टारकिड और नेपो किड बोल उनकी मेहनत को नज़रअंदाज़ किया जाता है।हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान आलिआ ने अपने माता पिता के जीवन का संघर्ष बताया और बताया कि कैसे उनके पापा महेश भट्ट और मम्मी सोनी राज़दान ने उनको एक अच्छा जीवन देने के लिए कितने स्ट्रगल किये। बॉलीवुड किड होने के बाद भी कैसे वो कई privileges से दूर रहीं।
लोग अक्सर आलिया के करियर को उनके पापा महेश भट्ट के सक्सेस से जोड़ देते हैं। जिसका जवाब देते हुए आलिआ ने अपने पापा महेश भट्ट के लिए कहा, 'एक समय उनके पास फ्लॉप फिल्मों का एक समूह था, उनके पास मुश्किल से ही कुछ पैसे होंगे और वह उस वक़्त शराब की लत से भी जूझ रहे थे। आलिया ने कहा कि महेश भट्ट ने बाद में शराब छोड़ दी, लेकिन उन्होंने अपने जीवन और करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। आलिया ने कहा, 'मेरे माता-पिता को उस मुकाम तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ा जहां मैं उनके privileges का आनंद ले सकूं। मै इसे कभी नहीं भूलूंगी। आलिआ ने आगे कहा कि अगर उन्हें कल को बॉलीवुड में फिल्में मिलना बंद भी हो जाएँगी। तो वो इस बात से खफा नहीं होंगी। क्यूंकि उन्हें जो opportunities बॉलीवुड ने दी हैं उसका वो सम्मान करती हैं ,और वो इसे कभी नहीं भूलेंगी।
अपनी माँ सोनी राज़दान के बारें में बात करते हुए आलिआ ने बताया की उनकी माँ को बॉलीवुड में फिल्म करने के लिए बहुत स्ट्रगल करना पड़ा। उनका बॉलीवुड में कोई नहीं था और उनकी हिंदी भी अच्छी नहीं थी जिसकी वजह से उनकी माँ को फिल्में मिलने में बहुत मुश्किलें हुईं। उन्होंने थिएटर किया टीवी serials किये जो भी छोटी बड़ी opportunities मिली उन्होंने उसको एक्सेप्ट किया । वो कभी मेन स्ट्रीम हेरोइन नहीं बन पाई लेकिन वो आज जहाँ पर भी हैं वहां पोहोचने के लिए उन्होंने बहुत मुश्किलों का सामना किया है।