Parliament security breach case: साल 2023 में संसद की सुरक्षा में चूक के मामले पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आरोपियों पर UAPA के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। पूरा मामला बीते साल 13 दिसंबर को नई संसद में हुआ, जब हाई सिक्योरिटी के बावजूद छह लोग संसद में घुस गए थे। उन पर लोकसभा सत्र में धुएं के कनस्तर फेंकने के आरोप थे। इन्हीं 6 लोगों के खिलाफ अब गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत केस चलाने की मंजूरी दिल्ली के उपराज्यपाल ने दे दी है।
लोकसभा सत्र के दौरान सदन में कूद गए थे दो शख्स
दरअसल, 23 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन ही पिछले साल यानी 13 दिसंबर 2023 को ही एक बार फिर संसद की सुरक्षा में चूक हुई थी। 13 दिसंबर को लोकसभा में शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के शून्यकाल के दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी संसद की गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए, जिसके बाद दोनों ने रंगीन स्मोक कैन छोड़कर संसद में नारे लगाए। सदन के बाहर भी दो लोगों ने नारेबाजी कर हंगामा किया। इस मामले में आरोपितों को दिल्ली पुलिस ने गिफ्तार किया था। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत उपराज्यपाल से आरोपियों खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध किया था। इस वर्ष 30 मई को समीक्षा समिति ने भी जांच एजेंसी द्वारा एकत्र किए गए संपूर्ण साक्ष्यों की जांच की थी और मामले में आरोपियों की संलिप्तता पाई थी। जिसके बाद अब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अभियोजन की मंजूरी दे दी है।
इन 6 आरोपियों पर लगेगा UAPA
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के छह आरोपियों में मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम रानोलिया, ललित झा और महेश कुमावत शामिल हैं। अभी ये आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। इन्ही छह लोगों पर अवैध रूप से संसद में एंट्री करने और लाइव सत्र के दौरान लोकसभा में धुएं के कनस्तर फेंकने का आरोप है।
तीन लेयर में है संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था
लोकसभा और राज्यसभा में अपने डायरेक्टर सिक्योरिटी सिस्टम होते हैं. विजिटर पास के लिए लोकसभा सचिवालय के फॉर्म पर किसी सांसद का रिकमेंडेशन सिग्नेचर जरूरी होता है। इसके साथ ही विजिटर को पास के लिए आधार कार्ड ले लाना होता है। विजिटर जब रिसेप्शन पर पहुंचता है, तो वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड महिला और पुरुष को अलग-अलग फ्रिस्किंग करके जांच करते हैं। इसके बाद रिसेप्शन पर फोटो आईडी कार्ड बनता है। मोबाइल फोन को रिसेप्शन पर ही जमा कर लिया जाता है। इसके बाद विजिटर फोटो आइडेंटिटी कार्ड के साथ सिक्योरिटी कमांडो के जरिए गैलरी तक पहुंचता है। विजिटर गैलरी में ठहरने के लिए एक समयावधि होती है, जिसके बाद उसे बाहर कर दिया जाता है।