दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों पर लगाए गए बैन को तुष्टिकरण की राजनीति करार देते हुए भाजपा ने आरोप लगाया है कि पिछले कुछ सालों से अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार प्रदूषण से नहीं बल्कि दिवाली के त्योहार से लड़ रही है। भाजपा ने ग्रीन पटाखों को चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को भी लागू करने की मांग की है।
भाजपा के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए हर साल पटाखों पर बैन लगा देती है और पिछले कुछ सालों से अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार प्रदूषण से नहीं बल्कि दिवाली के त्योहार और उत्साह से लड़ रही है। उन्होंने कहा कि जैसे ही दिवाली का त्योहार नजदीक आता है वैसे ही केजरीवाल सरकार पटाखों पर बैन लगा देती है। जबकि, आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार पटाखों से सिर्फ 2 फीसदी प्रदूषण फैलता है।
मिश्रा ने मांग की कि अरविंद केजरीवाल को सबसे पहले 98 फीसदी प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा दिल्ली की जनता को दिखाना चाहिए। कपिल मिश्रा ने आगे कहा कि केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर को भी दरकिनार कर दिवाली पर पटाखों पर बैन लगाकर अपनी नियत को एक बार फिर से साफ कर दिया है। उन्होंने ग्रीन पटाखों को चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को लागू करने की मांग करते हुए पूछा कि पंजाब चुनाव से पहले पराली से प्रदूषण रोकने के मैजिक सोल्यूशन की बात करने वाले केजरीवाल ने आखिर अब तक क्या किया ? पराली घोल पर 60 करोड़ रुपये के विज्ञापन का भी अब तक कोई फायदा नहीं हुआ।
भाजपा नेता ने आप सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि पंजाब में आज आम आदमी पार्टी की सरकार है और आज भी दिल्ली वाले प्रदूषण से घुट रहे हैं। ऑड-ईवन, डस्ट फ्री सड़कें, एयर प्यूरीफायर सहित 16 प्वाइंट्स जो सुप्रीम कोर्ट के एफिडेविड में दिए गए उनका पालन आज तक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से लड़ने के लिए भाजपा दिल्ली सरकार के साथ है लेकिन प्रदूषण की आड़ में केजरीवाल सरकार किसी एक धर्म के त्योहार को टारगेट करे, यह बर्दाश्त नहीं है। पटाखों पर प्रतिबंध को दिल्ली के पटाखा व्यापारियों के साथ धोखा और इकोनॉमिक चोट बताते हुए कपिल मिश्रा ने यह भी कहा कि अगर यह ऐलान कुछ महीने पहले कर दिया जाता तो शायद व्यापारी इसके लिए तैयार होते लेकिन अब उनके साथ भी धोखा किया गया है।
वहीं, दिल्ली प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने भी केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के पास हर साल कमर्शियल वाहनों के माध्यम से लगभग 500 से 600 करोड़ रुपये पर्यायवरण सेस के रुप में आता है, लेकिन उन पैसों का दिल्ली सरकार ने क्या किया, इसकी आज तक कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन पैसों से अगर दिल्ली सरकार हरियाणा और पंजाब के किसानों को मुआवज़ा दे देती तो सम्भवतः वे पराली ना जलाते जिससे दिल्ली में प्रदूषण को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।