हरियाणा में लोक सभा चुनाव के दौरान राजनीतिक उठा-पटक शुरू हो गई है। कांग्रेस ने हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर बृहस्पतिवार को राज्यपाल से मिलने का समय मांगा। कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के लिए समय मांगते हुए राज्यपाल को एक पत्र लिखा है।
राज्यपाल कार्यालय को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि इस पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद और मुख्य सचेतक बी बी बत्रा एवं पार्टी के अन्य नेताओं के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल 10 मई को राज्यपाल से मिलना चाहता है और वह राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति के संबंध में एक ज्ञापन प्रस्तुत करना चाहती है।
इससे पहले हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला और विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य की नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है, इसलिए उसे फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने राज्यपाल से शक्ति परीक्षण कराने की मांग की है।
दरसल, बीते मंगलवार को 3 निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंडर (निलोखेड़ी) ने सैनी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद विपक्षी दलों ने दावा किया कि इससे राज्य विधानसभा में सरकार अल्पमत में आ गई है। हालांकि, मुख्यमंत्री सैनी ने कहा है कि उनकी सरकार संकट में नहीं है।
बता दें कि, हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 88 विधायक हैं। दो सीटें खाली हैं। भाजपा के 40, कांग्रेस के 30 और जजपा के 10 विधायक हैं। इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। छह निर्दलीय हैं। सरकार को दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है।