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Supreme Court Order NEET UG : देश में नीट-यूजी 2024 पेपर लीक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस एग्जाम को लेकर आगे की स्थिति क्या रहेगी ? इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जाने सुप्रीम कोर्ट में आज क्या क्या हुआ।
Highlights:
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को नीट-यूजी 2024 विवाद पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को निर्देश दिया है कि वह अपनी वेबसाइट पर नीट-यूजी परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों को प्रकाशित करे और छात्रों की पहचान गुप्त रखी जाए। SC ने कहा कि शहर और केंद्र के हिसाब से कैंडिडेट्स के अलग-अलग रिजल्ट जारी किए जाने चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को अभ्यर्थियों की पहचान गुप्त रखते हुए 20 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक नीट-यूजी 2024 के केंद्र और शहर-वार परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया। परीक्षा के संचालन में गड़बड़ी के आरोपों का समाधान करने का प्रयास करते हुए प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इसे नए सिरे से आयोजित करने का कोई भी आदेश इस ठोस निष्कर्ष पर आधारित होना चाहिए कि पूरी प्रक्रिया की शुचिता प्रभावित हुई है।
शीर्ष अदालत पांच मई को आयोजित प्रतिष्ठित परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोपों के मद्देनजर परीक्षा को रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर 22 जुलाई को फिर से सुनवाई शुरू करेगी। दिन भर चली सुनवाई के दौरान पीठ ने अभ्यर्थियों के वकीलों से परीक्षा के आयोजन में व्यापक उन अनियमितताओं के बारे में अपना दावा साबित करने को कहा, जिसमें प्रश्नपत्र लीक होना भी शामिल है, जिसके कारण परीक्षा रद्द कर दोबारा कराने की आवश्यकता हो।
अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि प्रश्नपत्र लीक की घटना पटना और हजारीबाग तक ही सीमित थी तथा गुजरात के गोधरा में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। पटना और हजारीबाग में प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक हो गए, जबकि गोधरा में दावा किया गया कि परीक्षा आयोजित कराने वाले एक व्यक्ति ने कुछ अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट भरने के लिए पैसे लिए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'टेलीग्राम' पर प्रश्नपत्र लीक होने के दावों पर सवाल उठाते हुए पीठ ने कहा, "आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि ऐसा करने का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर दिखावा करना नहीं था। लोगों ने यह पैसे के लिए किया। इसलिए, यह परीक्षा को बदनाम करने के लिए नहीं था और कोई व्यक्ति पैसे कमाने के लिए ऐसा कर रहा था जो स्पष्ट है। बड़े पैमाने पर लीक के लिए उस स्तर पर संपर्कों की भी आवश्यकता होती है ताकि आप विभिन्न शहरों में ऐसे सभी प्रमुख संपर्कों से जुड़ सकें।"
सीजेआई ने कहा, ''पुन: परीक्षा कराने के लिए यह ठोस आधार होना चहिए कि पूरी परीक्षा की शुचिता पर असर पड़ा है।'' इस मामले की जारी जांच के मुद्दे पर पीठ ने कहा, ''सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई ने हमें जो बताया है अगर उसका खुलासा कर दिया जाता है तो इससे जांच पर असर पड़ेगा।'' उच्चतम न्यायालय 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इनमें राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की याचिका भी शामिल है, जिसमें उसने, परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर विभिन्न उच्च न्यायालयों में उसके खिलाफ लंबित मामलों को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।
उच्चतम न्यायालय ने 11 जुलाई को नीट-यूजी 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक टाल दी थी। इन याचिकाओं में नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं एवं कदाचार की जांच करने, परीक्षा रद्द करने और नये सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। पांच मई को 23.33 लाख से अधिक छात्रों ने 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर नीट-यूजी परीक्षा दी थी। इन शहरों में 14 विदेशी शहर भी शामिल थे।