विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार(13 दिसंबर) को संसद की सुरक्षा में भारी चूक को लेकर चिंता जताई और मामले की जांच के साथ-साथ नए भवन में भी पुराने भवन की तरह सख्त सुरक्षा कदम उठाने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के कुछ सांसदों ने इस घटना की तुलना अपनी पार्टी सहयोगी महुआ मोइत्रा के निष्कासन से की और उन भाजपा सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जिन्होंने कथित तौर पर आरोपियों को संसद में प्रवेश करने के लिए पास दिलाने में मदद की थी।
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घटना में शामिल दो लोगों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन के रूप में हुई है। शर्मा मैसूरु से लोकसभा सदस्य प्रताप सिम्हा की अनुशंसा के आधार पर मिले पास के जरिये दर्शक दीर्घा तक पहुंचा था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कुछ नेताओं ने सुरक्षा प्रोटोकॉल में कमियों की ओर इशारा किया। बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विभिन्न दलों के नेताओं ने घटना की गहन जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह बात सार्वजनिक थी कि एक आतंकवादी संगठन 13 दिसंबर को संसद पर हमला करने की योजना बना रहा है और इसकी जानकारी सरकार को भी थी, फिर भी यह सुरक्षा चूक कैसे हो गई।
बैठक में उपस्थित नेताओं ने संसद के भीतर और अधिक प्रतिबंध लगाने का मुद्दा उठाया, लेकिन कहा कि बढ़ी हुई सुरक्षा से मीडिया के साथ उनके संपर्क पर असर नहीं पड़ना चाहिए। द्रमुक के नेता तिरुची शिवा ने कहा कि जो लोग दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूदे, वे घायल नहीं हुए और ऐसा लगता है कि उन्हें प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने कहा कि यह घटना उस दिन हुई थी जब 22 साल पहले संसद पर आतंकवादियों ने इसी दिन हमला किया था।
तिरुची शिवा ने कहा आगे कहा कि ऐसा लगता है कि कोई कुछ संकेत दे रहा है। यह एक सुरक्षा चूक है। आजादी के बाद संसद के अंदर ऐसी घटना कभी नहीं हुई। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने आरोप लगाया कि नए संसद भवन की सुरक्षा पर उचित ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि आज हम जान रहे हैं कि संसद में सुरक्षा अधिकारी की 130 से अधिक रिक्तियां हैं। महुआ मोइत्रा को एक बाहरी व्यक्ति के साथ संसद लॉगिन साझा करने के लिए निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन आज तीन सांसदों ने इन लोगों (आरोपी) को पास दिलाने में मदद की। क्या यह सुरक्षा चूक नहीं है?'' तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी ने संसद के अंदर की घटना को आतंकवादी गतिविधि करार दिया और जानना चाहा कि क्या सुरक्षा चूक का कोई खालिस्तानी लिंक है।
कल्याण बनर्जी ने कहा कि इस बात की उचित जांच होनी चाहिए कि उन्हें संसद में प्रवेश की अनुमति किसने दी और वे कौन लोग हैं जिन्होंने उन्हें पास दिलाने में मदद की। जिन भाजपा सांसदों ने उनकी मदद की, उन्हें बचाया नहीं जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर संसद की सुरक्षा समीक्षा की बात कर सकते हैं।
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