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कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली केस की जांच CBI से करवाने के निर्देश दे दिए हैं। यह मामला संदेशखाली की महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जे का आरोप लगाया था। इस मामले में शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार आरोपी हैं। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
संदेशखाली केस से जुड़ी 5 जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच ने सुनवाई कर रहे थे। बेंच ने कहा की इस मामले की जाँच अदालत की निगरानी में सीबीआई द्वारा की जायेगी । जांच के बाद सीबीआई को इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपना होगा। इस मामले पर 2 मई को फिर से सुनवाई होगी।
कोर्ट के इस आदेश के बाद ममता सरकार किसी प्रकार से सीबीआई की जांच में अड़ंगा नहीं डाल पाएगी। दरअसल, राज्य में किसी भी प्रकार के जांच के लिए सीबीआई को पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होती है। इस मामले में कोर्ट के इस आदेश के बाद अब सीबीआई को राज्य सरकार से किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
बता दें कि 4 अप्रैल को ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले पर तल्ख टिप्पणी को कहा था कि संदेशखाली का 1% सच भी शर्मनाक है। अदालत ने कहा था की इस पुरे प्रकरण में सत्ताधारी पार्टी और प्रशासन की जिम्मेदारी है। यह लोगों की सुरक्षा का मामला है।
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां और उसके दो अन्य साथियों जिनका नाम शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर आरोप है कि वे महिलाओं का लंबे समय से गैंगरेप व यौन शोषण कर रहे थे। इस केस में अब तक शिबू हाजरा, उत्तम सरदार, शाहजहां समेत 18 लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। और जांच जारी है।
दरअसल, शेख शाहजहां TMC का जिलास्तर नेता रहा है। सबसे पहले राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को उसके घर पर छापेमारी किया गया था। तब उसके 200 से ज्यादा सपोर्टर्स ने टीम पर अटैक कर दिया था। इस मामले में अफसरों को जान बचाकर भागना पड़ा। उसके बाद शाहजहां फरार हो गया था। काफी मशक्कत के बाद उसे 55 दिन बाद पकड़ा गया था।