Indore Ashram Children Death : इंदौर के श्री युगपुरुष धाम बौद्धिक विकास केंद्र में संदिग्ध खाद्य विषाक्तता की घटना में दो और बच्चों की मौत हो गई है, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि खाद्य विषाक्तता के लक्षणों के लिए उपचार करा रहे बच्चों की संख्या भी 38 हो गई है, जिनमें से चार की हालत गंभीर है। सभी बच्चों का शहर के सरकारी चाचा नेहरू अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनमें से चार को गहन चिकित्सा इकाई वार्ड में भर्ती कराया गया है।
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अधिकारियों ने बुधवार के अनुसार, इंदौर के श्री युगपुरुष धाम बौद्धिक विकास केंद्र में संदिग्ध खाद्य विषाक्तता की घटना में मंगलवार को दो और बच्चों की मौत हो गई है, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। बता दें कि इससे पहले 1 जुलाई को दो बच्चों की मौत की सूचना मिली थी, जबकि 30 जून को दो बच्चों की मौत की सूचना मिली थी। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया, कुल 38 बच्चों का इलाज चल रहा है, इनमें से चार आईसीयू वार्ड में भर्ती हैं। हम अगले 48 घंटे तक आश्रम पर कड़ी नजर रखेंगे। अगर किसी बच्चे में कोई लक्षण पाया जाता है, तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
उन्होंने बताया, मौके से सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं, इसकी रिपोर्ट आज से मिलेगी। इसके बाद हम घटना के कारणों का पता लगा पाएंगे। संक्रमण के कारण मंगलवार को दो और सोमवार को दो बच्चों की मौत हुई थी, जबकि 38 का इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि घटना की जांच के लिए जांच कमेटी गठित की गई है, जो मामले की जांच कर रही है। इससे पहले कलेक्टर ने बताया कि 30 जून को एक बच्चे की मौत हुई थी, प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि उसकी मौत संक्रमण के कारण नहीं हुई है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
मंगलवार रात को राज्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट ने अस्पताल में बच्चों से मुलाकात की। विजयवर्गीय ने मीडियाकर्मियों से कहा, आश्रम में सभी बच्चे मानसिक रूप से अविकसित और विकलांग हैं। इस आश्रम में पूरे मध्य प्रदेश से बच्चे आते हैं। यह एकमात्र ऐसी संस्था है और वे अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन ऐसा क्यों हुआ, इसकी जांच की जा रही है। डॉक्टरों से बात की गई है। अधिकांश बच्चे डायरिया से पीड़ित हैं। इस मौसम में बच्चों को डायरिया हो जाता है। वहां के पानी के सैंपल लिए गए हैं, उनके खाने के सैंपल लिए गए हैं।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने मुझे और तुलसी सिलावट को यहां भेजा है, हमने कलेक्टर और कमिश्नर को संस्था का पूरा मास्टर प्लान तैयार कर इसे विकसित करने के निर्देश दिए हैं। हम वहां के रहन-सहन के स्तर को बेहतर बनाएंगे और खाने की गुणवत्ता में सुधार करेंगे, ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो। आश्रम में करीब 200 बच्चे रहते हैं। इसे एक एनजीओ चलाता है और यहां विकलांग और अनाथ बच्चे रहते थे। इनकी उम्र पांच साल से लेकर 15 साल तक है।
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