महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने स्वामी रामानंद तीर्थ स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति को लेकर मुद्दा उठाया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह नई दिल्ली में प्रतिमा लगाने की कोशिश करेंगे। शिंदे ने इसका जिक्र एक कार्यक्रम के दौरान किया जहां वे छत्रपति संभाजी नगर नई परियोजनाओं का निर्माण शुरू कर रहे थे। हर साल 17 सितंबर को मनाए जाने वाले मराठवाड़ा मुक्ति दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए राज्य सरकार शनिवार को शहर में एक विशेष मंत्रिमंडल बैठक कर रही है। इस दिन को मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस के नाम से भी जाना जाता है। मराठवाड़ा कभी निजाम शासित हैदराबाद साम्राज्य का हिस्सा था।
इस प्रयास को लेकर अगुवाई करूंगा
इससे पहले, पवार ने कार्यक्रम में कहा कि क्षेत्र की प्रतिष्ठित शख्सियत स्वामी रामानंद तीर्थ की एक प्रतिमा राष्ट्रीय राजधानी में स्थापित की जानी चाहिए। इस पर शिंदे ने कहा, ''स्वामी रामानंद तीर्थ के योगदान को देखते हुए नई दिल्ली में उनकी एक प्रतिमा होनी चाहिए और मैं इस प्रयास को लेकर अगुवाई करूंगा। हम (हैदराबाद के स्वतंत्रता संग्राम के लिए) उनके बलिदान और योगदान को नहीं भूल सकते।'' रामानंद तीर्थ एक स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक और कार्यकर्ता थे जिन्होंने हैदराबाद को निजाम शासन से मुक्त कराने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया था। वह 1952 और 1957 के बीच गुलबर्गा (वर्तमान में कर्नाटक का क्षेत्र) से लोकसभा के सदस्य रहे।