तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, केन्द्र सरकार से कर्नाटक में कावेरी नदी से पानी लाने में मदद करने के लिए कहना चाहते हैं। उनका मानना है कि कर्नाटक सरकार द्वारा उन्हें पानी न देने के जो कारण बताए गए हैं, वे उचित नहीं हैं और नियमों के ख़िलाफ़ हैं। उन्होंने इस बारे में राष्ट्रीय सरकार को बताया है और उम्मीद है कि वे मदद करेंगे। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शनिवार को कहा कि तमिलनाडु के सभी दलों के सांसद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को ज्ञापन सौंपकर अनुरोध करेंगे कि केंद्र सरकार कर्नाटक को उनके राज्य के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़ने का सुझाव दे। स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ने के खिलाफ कर्नाटक सरकार की दलील 'त्रुटिपूर्ण' और असंवैधानिक है जिससे केंद्र सरकार को अवगत कराया गया है और इसलिए इस पर विचार नहीं करना चाहिए।
कर्नाटक सरकार ने बयान जारी कर दावा किया
उन्होंने कहा कि यह पक्ष भी ज्ञापन में होगा। कोवरी नदी के पानी की मांग को लेकर तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करेंगे। मुख्यमंत्री ने कर्नाटक पर निराधार दावे करने और तमिलनाडु के पानी के अनुरोध के खिलाफ केंद्र को पत्र लिखने का आरोप लगाया। कर्नाटक सरकार ने बयान जारी कर दावा किया कि तमिलनाडु की पानी की मांग अनुचित है और उसने सिंचाई के तहत आने वाले क्षेत्र का दायरा बढ़ा दिया है।
कावेरी डेल्टा में आवश्यक भूजल है
स्टालिन ने कहा कि 13 सितंबर को कर्नाटक ने शेखावत को पत्र लिखकर कहा था कि पूर्वोत्तर मानसून के दौरान तमिलनाडु को पर्याप्त पानी मिलेगा और राज्य के कावेरी डेल्टा में आवश्यक भूजल है। स्टालिन ने कहा कि कर्नाटक का यह दृष्टिकोण 'त्रुटिपूर्ण' है, इसलिए केंद्र को इस पर विचार नहीं करना चाहिए। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 13 सितंबर से 15 दिन तक कर्नाटक के कावेरी जलग्रहण क्षेत्रों में सामान्य वर्षा की पूर्वानुमान व्यक्त किया है और कावेरी जल नियामक प्राधिकरण(सीडब्ल्यूआरए) ने वर्षा के इस पूर्वानुमान को सही माना है।