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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कजाकिस्तान के अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। नई दिल्ली में मोदी 3.0 सरकार के गठन के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बैठक है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री को एक-दूसरे से गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए देखा गया। दोनों ने साथ में फोटो भी क्लिक कराई। पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के कारण दोनों देशों के बीच चार साल से संबंध अच्छे नहीं चल रहे थे। इसके मद्देनजर दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है।
5 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख में गतिरोध शुरू होने के बाद से व्यापार को छोड़कर भारत-चीनी संबंध काफी खराब हो गए थे। गलवान के पास पैंगोंग त्सो क्षेत्र में दोनों सेनाओं में हिंसक झड़पें हुई थीं। कजाकिस्तान के अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हिस्सा लिया। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए और भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री जयशंकर कर रहे हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बातचीत के बाद कहा कि सीमा क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा कि सीमा संबंधी शेष मुद्दों के हल के लिए कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि LAC का सम्मान करना और सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक है। विदेश मंत्री जयशंकर कजाकिस्तान के नेताओं से भी मिले उन्होंने मुलाकात पर खुशी व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, 'आज अस्ताना में कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मूरत नूर्टलेउ से मिलकर प्रसन्नता हुई। SCO राष्ट्राध्यक्ष परिषद के शिखर सम्मेलन के आतिथ्य और व्यवस्था के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। हमारी बढ़ती रणनीतिक साझेदारी और अलग-अलग प्रारूपों में मध्य एशिया के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी पर चर्चा की। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।'