राजस्थान में बढ़ते टैक्स के विरोध में पेट्रोल पंप वाले हड़ताल पर चले गए है, वह लगातार मांग कर रहे है कि पेट्रोल पर वैट की कीमतों को कम किया जाए, मांगें नहीं सुनी जाने के बाद सभी पेट्रोल पंपों के कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की घोषण की है, बता दें कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में राजस्थान में पेट्रोल करीब 16 रूपए और डीजल 10 रूपए तक महंगा है, जिसके बाद कई लोग अन्य राज्यों से पेट्रोल लाने को मजबूर है, क्योंकि दूसरे राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमते राजस्थान के मुकाबले कम है। बता दें कि पेट्रोल बंद होने की वजह से काफी लोगों को वाहनों में तेल डलवाने में परेशानी आ रही है। जिसके बाद लोग ज्यादा कीमतों में मिल रहे बैल्क मर्किट से तेल खरीदना पड़ रहा है, इसका असर उनकी जेब पर पड़ रहा है।
अन्य राज्यों में राजस्थान के मुकाबले वैट का कम है मूल्य
दूसरे राज्य के लोग बाहर से ही तेल भरवाकर आ रहे है, दूसरे राज्य से डीजल लाकर यहां अवैध रूप से बेच रहे हैं, क्योंकि राजस्थान में पेट्रोल की कीमते आसमान छू रही है, क्योंकि गहलोत सरकार ने वैट और रोड टैक्स बढ़ा रखा है। जिससे पेट्रोल पंप के मलिकों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसे में प्रदेश भर के 6712 पेट्रोल पंप इन दो दिन बंद रहेंगे, एसोसिएशन के डीलर्स की तरफ से कहा गया है बताया जा रहा है कि पेट्रोलियम डीलर्स की हड़ताल से सरकार के राजस्व में तकरीबन 48 करोड़ रुपये का नुकसान होगा, हड़ताल की जो वजह सामने आ रही है, उसके अनुसार राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन राज्य में डीजल-पेट्रोल पर वैट कम करने की मांग कर रहा है।
अगर वैट कम हुआ तो आम जनता को मिलेगी राहत
पेट्रोलियम संगठन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी ने कहा, कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, समेत तीनों राज्यों की सरकारों ने वैट कम कर रखा है, राजस्थान के पास सबसे लंबा हाईवे है फिर भी राज्य में पिछले चाल साल में 270 पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं। वैट कम होगा तो आम जनता को भी महंगाई से राहत मिलेगी।