इजरायल और हमास के युद्ध को 7 नवंबर को एक महीना पूरा हो जाएगा लेकिन अभी भी ये रूकने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष के बीच सबसे ज्यादा नुकसान नागरिकों को हुआ है। बता दें कि गाजा पट्टी में अब तक 10,000 से ज्यादा फिलीस्तीनी मारे गए है, जिनमें सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। वहीं, कई लोग बेघर हो गए।
इस बीच अब प्रमुख संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रमुखों ने इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध में 'तत्काल मानवीय युद्धविराम' के लिए कहा है। सभी प्रमुखों में एक साझा बयान जारी कर गाजा में नागरिकों की मौत पर नाराजगी जाहिर की हैं।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुखों ने कहा, "लगभग एक महीने से, दुनिया इजराइल और फिलिस्तीनी क्षेत्र में उभरती स्थिति को देख रही है और जान गंवाने और बिखरने के बढ़ते आंकड़े से सदमे और दहशत में है।" बता दें, यूनिसेफ, विश्व खाद्य कार्यक्रम और विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत 18 संगठनों के प्रमुखों ने 7 अक्टूबर को गाजा से हमास द्वारा इज़रायल में हमले के बाद से दोनों पक्षों की भयावह मौत की संख्या का जिक्र किया।
साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने नागरिकों की जान जाने और उसके कर्मचारी मारे जाने पर भी आक्रोश व्यक्त किया है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद उसके 88 कर्मचारी मारे गए है। एक रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि गाजा में फ़िलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के 88 कर्मचारी कथित तौर पर मारे गए हैं। जो संयुक्त राष्ट्र के किसी एक संघर्ष में हुई मौतों का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
वहीं, इजरायल ने हमास को पूरी तरह खत्म करने की कसम खाई है। जिसके चलते इजरायल ने अब गाजा पट्टी में जमीनी अभियान शुरू किया है। इजरायली सेना के करीब 3 लाख सैनिकों ने गाजा पट्टी की किलेबंदी कर दी है और हमास के सुंरगों को निशाना बना रहा है।
मालूम हो. गाजा में हालत ऐसे हो गए है कि औसत फिलीस्तीनी नागरिक संयुक्त राष्ट्र द्वारा क्षेत्र में भंडार किए गए आटे से बनी अरबी रोटी के 2 टुकड़ों पर जी रहा हैं। लोग स्वच्छ पानी पीने से वंचित है। लोगों के पास बेसिक सुविधाएं भी नहीं बची है।
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