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पूर्वी कांगो में शिविरों पर बमबारी से 12 की मौत, अन्य घायल

Desk News

Bombing In Eastern Congo: पूर्वी कांगो के उत्तरी किवु प्रांत में विस्थापित लोगों के तीन शिविरों पर किए गए हमलों में बच्चों एवं महिलाओं सहित कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और अन्य 30 से अधिक घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। संरा ने एक बयान में कहा, ''उत्तरी किवु के पूर्वी प्रांत की राजधानी गोमा के लैक वर्ट, लुशगाला और मुगुंगा इलाकों में स्थित तीन आईडीपी केंद्रों पर हमले आश्रयों और अन्य मानवीय संरचनाओं को भी नुकसान पहुंचाया।

Highlights:

  • कांगो सरकार ने हमलों को लेकर 23 मार्च मूवमेंट के विद्रोहियों को दोषी ठहराया
  • अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने रवांडा पर लगाया आरोप
  • मैं गारंटी देता हूं कि हम इस लड़ाई को जीतेंगे,  – कांगो के राष्ट्रपति

कांगो सरकार ने हमलों को लेकर 23 मार्च मूवमेंट के विद्रोहियों को दोषी ठहराया

संयुक्त राष्ट्र ने इन हमलों को मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का घोर उल्लंघन बताया और कहा कि इन्हें युद्ध अपराध माना जा सकता है। कांगो सरकार ने इन हमलों के लिए 23 मार्च मूवमेंट के विद्रोहियों को दोषी ठहराया, जो कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) सेना के साथ संघर्षरत हैं और उत्तरी किवु में क्षेत्रों पर कब्जा कर चुके हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने रवांडा पर लगाया आरोप

डीआरसी में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) के प्रतिनिधि एंजेल डिकॉन्गु-अटंगाना ने कहा, ''उत्तरी किवु प्रांत की नागरिक आबादी ने इस खूनी संघर्ष में दो वर्षों से अधिक समय तक सबसे खराब मानवीय अधिकार उल्लंघन देखा है।'' कांगो के राष्ट्रपति फेलिक्स शीसेकेदी के कार्यालय ने एक बयान में बताया राष्ट्रपति फेलिक्स त्सेसीकेदी ने इस हमले के बाद अपना दौरा रद्द करके यूरोप से स्वदेश लौटने का फैसला किया है। राष्ट्रपति लंबे समय से आरोप लगाते रहे हैं कि रवांडा 23 मार्च मूवमेंट विद्रोहियों का समर्थन करके कांगो को अस्थिर कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने भी रवांडा पर विद्रोहियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है, लेकिन रवांडा इन दावों से इनकार करता रहा है।

मैं गारंटी देता हूं कि हम इस लड़ाई को जीतेंगे – कांगो के राष्ट्रपति

राष्ट्रपति फेलिक्स ने शुक्रवार को बेल्जियम में कांगो के प्रवासियों से कहा, ''मैं गारंटी देता हूं कि हम इस लड़ाई को जीतेंगे, चाहे कुछ भी करना पड़े।'' डीआरसी में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (जिसे मोनुस्को के नाम से जाना जाता है) ने सभी पक्षों से नागरिकों के लिए जोखिम कम करने और मानवीय पहुंच बनाए रखने के लिए उचित उपाय करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ''मैं संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पूर्वी डीआरसी में सभी सशस्त्र समूहों से सभी शत्रुताएं तुरंत बंद करने, बिना शर्त अपने हथियार डालने और निरस्त्रीकरण, विमुद्रीकरण, सामुदायिक पुनर्वास और स्थिरीकरण कार्यक्रम में शामिल होने के आह्वान को दोहराता हूं।

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