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Nepal Floods: नेपाल में बाढ़-भूस्खलन से मची भारी तबाही, अब तक 170 लोगों की मौत

Rahul Kumar Rawat

Nepal Floods: नेपाल में भारी बारिश से बिगड़े हालात। लगातार हो रही बारिश के कारण नेपाल के कई हिस्सों में स्थिति बद से बदतर हो गई है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में मूसलाधार बारिश से भूस्खलन और बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 170 हो गई है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषि राम तिवारी ने बताया कि राहत कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर और मोटरबोट के साथ 3,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। मलबा आने के कारण कई प्रमुख राजमार्ग बंद हो गए हैं, जिससे काठमांडू का देश के अन्य हिस्सों से संपर्क टूट गया है। प्रशासन राजमार्गों को साफ करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल कर रहा है।

भूस्खलन में कई यात्री मलबे में फंसे

इस गंभीर आपदा से काठमांडू में 34 लोगों की जान चली गई है। यहां बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया है, जिससे लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कई यात्री बसें पहाड़ी से गिरकर मलबे में दब गई थीं। अंधेरे में फंसी इन बसों के यात्री कीचड़ और मलबे में दब गए। बचाव दल द्वारा निकाले गए शवों को पोस्टमार्टम के लिए काठमांडू ले जाया जा रहा है और पीड़ितों के परिजनों को सौंपा जा रहा है। आपदा में लापता लोगों के लिए बचाव अभियान जारी है, जहां मलबे में दबे यात्रियों और बसों को निकालने का काम किया जा रहा है।

काठमांडू में बचाव अभियान जारी

पुलिस अधिकारी केसी के अनुसार, काठमांडू और धाडिंग की संयुक्त पुलिस टीम विभिन्न जिलों से आई बसों के अवशेषों की खोज और शवों की खुदाई में जुटी है। शनिवार को 14 शव बरामद किए गए, जबकि रविवार दोपहर तक 13 और शव निकाले जा चुके थे। कुल 35 शव अब तक मिल चुके हैं, लेकिन तलाशी अभियान अभी भी जारी है। इस आपदा ने नेपाल के प्रमुख राजमार्गों पर वाहनों की आवाजाही को ठप कर दिया है, जिससे हजारों वाहन फंसे हुए हैं। नेपाल में मानसून का मौसम, जो 13 जून से शुरू होकर सितंबर के अंत तक चलना चाहिए था, इस बार अक्टूबर तक बढ़ गया है।

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