क्या आप जानते हैं कि बिहार का एक गांव ऐसा है, जहां पर पिछले 50 सालों से लड़के कुंवारे हैं क्यूंकि उनकी शादी नहीं हो पा रही है। .ये गांव बिहार के कैमूर जिले के अधौरा तहसील में स्थित है, जिसका नाम बरवां कलां है। .इस गांव में सालों से कोई दुल्हन नहीं आई है क्यूंकि इस गाँव में कोई भी अपनी बेटी नहींनहीं बिहाना चाहता। .इस गांव में लड़कों से लेकर कई बूढ़े तक कुंवारे हैं, इसलिए इस गांव का नाम बरवां कलां की बजाय कुंवारों का गांव पड़ गया है। .कोई भी इस गांव में अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता है लेकिन आखिरकार क्या वजह है कि 50 सालों से यहां किसी लड़के की शादी नहीं हुई?.इस गांव में शादी न होने की वजह इसका पिछड़ापन है। आज जहां देश इतना आगे बढ़ गया है वहीं इस गांव में बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। .बिजली, पानी और सड़क के साथ-साथ इस गांव में संचार का भी कोई साधन नहीं है। यही वजह है कि कोई अपनी बेटी की शादी इस गांव में नहीं करता। .इसी परेशानी को देखते हुए गांव के युवाओं ने पहाड़ी रास्ते को काटकर एक सड़क निकाली है, जिससे की उस रास्ते पर गाड़ियां आ-जा सकें।
क्या आप जानते हैं कि बिहार का एक गांव ऐसा है, जहां पर पिछले 50 सालों से लड़के कुंवारे हैं क्यूंकि उनकी शादी नहीं हो पा रही है। .ये गांव बिहार के कैमूर जिले के अधौरा तहसील में स्थित है, जिसका नाम बरवां कलां है। .इस गांव में सालों से कोई दुल्हन नहीं आई है क्यूंकि इस गाँव में कोई भी अपनी बेटी नहींनहीं बिहाना चाहता। .इस गांव में लड़कों से लेकर कई बूढ़े तक कुंवारे हैं, इसलिए इस गांव का नाम बरवां कलां की बजाय कुंवारों का गांव पड़ गया है। .कोई भी इस गांव में अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता है लेकिन आखिरकार क्या वजह है कि 50 सालों से यहां किसी लड़के की शादी नहीं हुई?.इस गांव में शादी न होने की वजह इसका पिछड़ापन है। आज जहां देश इतना आगे बढ़ गया है वहीं इस गांव में बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। .बिजली, पानी और सड़क के साथ-साथ इस गांव में संचार का भी कोई साधन नहीं है। यही वजह है कि कोई अपनी बेटी की शादी इस गांव में नहीं करता। .इसी परेशानी को देखते हुए गांव के युवाओं ने पहाड़ी रास्ते को काटकर एक सड़क निकाली है, जिससे की उस रास्ते पर गाड़ियां आ-जा सकें।