Ritika Jangid
एक रिपोर्ट के मुताबकि, चिकिस्ता विशेषज्ञों का कहना हैं कि बढ़ती उम्र के साथ इस बीमारी का खतरा बढ़ता हैलोकगायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली के एम्स अस्पताल में मंगलवार रात निधन हो गया। उनका स्वास्थ्य लंबे समय से खराब चल रहा था
शारदा सिन्हा पिछले छह साल से मल्टीपल मायलोमा से जूझ रही थीं
बता दें कि मल्टीपल मायलोमा एक प्रकार का ब्लड कैंसर है
इसमें असामान्य प्लाज्मा कोशिकाएं बढ़ जाती हैं और रक्त, हड्डियों और अंगों को प्रभावित करती हैं
इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों में अत्यधिक थकान होना, वजन कम होना, रीढ़ या छाती में दर्द होना, खून की कमी और भूख ना लगना शामिल हैं
कई बार इस रोग से जूझ रहे मरीजों को मानसिक भ्रम होने लगता है। इस बीमारी में किडनी भी प्रभावित होती देखी गई है
मल्टीपल मायलोमा कैंसरग्रस्त प्लाज्मा कोशिकाएं हड्डियों को नुकसान पहुंचाकर उन्हें कमजोर कर देती है
कैंसरग्रस्त पालज्मा कोशिकाएं हड्डयिों के पुनर्जीवन और नई हड्डियों के निर्माण के बीच असंतुल पैदा करती हैं, जिस कारण हड्डियां कमजोर होने लगती है और कई बरा हड्डियों के फ्रैक्चर होने का खतरा भी रहता है