Intermittent Fasting: वजन कम करने के चक्कर में न हो जाए बीमार

Ritika Jangid

वजन बढ़ने से कई शारीरिक समस्याएं तो हो सकती है इसके अलावा बॉडी शेप भी बदल जाती है। जिस कारण कई लोगों का कॉन्फिडेंस भी कम हो जाता है

ऐसे में वजन कम करने के लिए लोग एक्सरसाइज करते हैं, कई तरह की डाइट को फॉलो करते हैं। इसी डाइट में शामिल होती है इंटरमिटेंट फास्टिंग

इस फास्टिंग में लोग कुछ घंटों तक कुछ भी नहीं खाते हैं और फिर कुछ घंटे खाना खाने के लिए रखते हैं। इस तरह लोग साइकिल को दोहराते हुए लोग फास्टिंग और ईटिंग का रूल अपनाते हैं

इंटरमिटेंट फास्टिंग वेट लॉस में कामयाब तो मानी जाती है तो लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं

वजह से शारीरिक समस्याएं तो हो ही सकती हैं, वहीं लोग अपने बॉडी शेप को लेकर बुरा फील करने लगते हैं, जिस वजह से कॉन्फिडेंस कम होने लगता है

इंटरमिटेंट फास्टिंग में लोग 12 घंटे फास्टिंग और 12 घंटे खाने का रूल अपनाते हैं। इसलिए काफी थकान और कमजोरी हो सकती है, जिस कारण चक्कर आना, नींद महसूस होना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं

इंटरमिटेंट फास्टिंग में लंबे समय तक भूखे रहने के कारण पेट खाली रहता है जिस वजह से सिरदर्द की समस्या हो सकती है और स्ट्रेस फील होने लगता है और इससे कार्टिसोल बढ़ता है

इंटरमिटेंट फास्टिंग करते सय कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए तो डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। जिस वजह से आपको मांसपेशियों में ऐंठन, सिरदर्द, चक्कर आना आदि दिक्कतें हो सकती हैं