तीर्थ यात्रा करते वक़्त भूल कर भी ना करें ये गलतियां, नहीं तो पुण्य से रह जाएंगे वंचित
Samiksha Somvanshi
तीर्थ यात्रा व्यक्ति को परमात्मा से जोड़ती है और इस वक़्त आपको अंतरात्मा में शांति का अनुभव होता है। साथ ही ये भी माना जाता है कि तीर्थ यात्रा करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।
Sumeet
हिंदू धर्म में बहुत से तीर्थ स्थान हैं और सभी तीर्थ स्थलों का अपना महत्व है। लेकिन तीर्थ यात्रा पर जाने से पहले कुछ बातों का खास ध्यान रखना ज़रूरी है, तभी यात्रा सफल होती है।
तीर्थ यात्रा व्यक्ति पुण्य प्राप्त करने के लिए करता है और इसलिए किसी भी तीर्थ यात्रा के दौरान व्यक्ति को पूरे मन से ईश्वर का ध्यान करना चाहिए।
ऐसा करने से इंसान को पुण्य तो मिलता ही है , साथ ही उसके सारे रोग और दोष भी मिट जाते है।
शास्त्रो में कहा गया है कि तीर्थ यात्रा करने से व्यक्ति को अपने गंदे कर्मों की सज़ा से मुक्ति मिलती है। वहीं जो लोग तीर्थ यात्रा के दौरान किसी का अपमान या पाप करते हैं तो इससे आपकी यात्रा में बाधा होती है। इसलिए तीर्थ यात्रा में सिर्फ ईश्वर का ध्यान करना चाहिए।
साथ ही ये भी माना जाता है कि जो व्यक्ति अपने माता- पिता, भाई-बहन या किसी अन्य को तीर्थ यात्रा करवाते है, तो उस व्यक्ति को अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।
किसी भी तीर्थ यात्रा के लिए कभी किसी से उधार नहीं लेना चाहिए। तीर्थ हमेशा अपने धन से करना चाहिए और यदि आप दूसरों के धन से तीर्थ करते है तो उसका फदल नहीं मिलता।
तीर्थ यात्रा करते समय अपने विचार संस्कार, आहार व्यवहार में शुद्धता रखनी चाहिए। तभी यात्रा का पूरा फल मिलता है और इसके साथ ही जो लोग बड़े- बुजुर्गों का आदर नहीं करते उन्हें तीर्थ का फल नहीं मिलता।