नवम्बर महीना आधा बीत चुका है, सर्दिया आ गयी है, यह समय है उत्तराखंड जाने का.मुरादबाद के आसपास भी कई हिल स्टेशन हैं, जिनको आप एक्सप्लोर कर सकते हैं.अलमोड़ा मुरादाबाद से 181 KM दूर है। पहाड़ियों पर बसी ये जग़ह जन्नत से कम नहीं है.अल्मोड़ा में शानदार वन्य जीव, सांस्कृतिक धरोहरें और हस्तशिल्प कारीगरी भरी हुई हैं.यहां नंदा देवी मंदिर, कसार देवी मंदिर, चितई गोलू देवता मंदिर जैसी जगहें प्रमुख हैं.नैनीताल की झील और झरने देखने लायक हैं, देवदार की हसीन वादियां मन मोह लेती हैं.यहां घूमें नैनी झील, नैना देवी मंदिर, केव गार्डन और व्यू पॉइंट। बरेली से नैनीताल करीब 142 किमी. दूर है.मसूरी की दूरी मुरादाबाद से 234 KM है। मसूरी पहाड़ियों की रानी नाम से प्रसिद्ध है। यह प्रसिद्ध हिल स्टशनों में आता है।.मसूरी में आप माल रोड, मसूरी झील, गन हिल, लाल टिब्बा दर्शनीय स्थल, गन हिल पॉइंट जैसी जगहों को एक्स्प्लोर कर सकते हैं।
नवम्बर महीना आधा बीत चुका है, सर्दिया आ गयी है, यह समय है उत्तराखंड जाने का.मुरादबाद के आसपास भी कई हिल स्टेशन हैं, जिनको आप एक्सप्लोर कर सकते हैं.अलमोड़ा मुरादाबाद से 181 KM दूर है। पहाड़ियों पर बसी ये जग़ह जन्नत से कम नहीं है.अल्मोड़ा में शानदार वन्य जीव, सांस्कृतिक धरोहरें और हस्तशिल्प कारीगरी भरी हुई हैं.यहां नंदा देवी मंदिर, कसार देवी मंदिर, चितई गोलू देवता मंदिर जैसी जगहें प्रमुख हैं.नैनीताल की झील और झरने देखने लायक हैं, देवदार की हसीन वादियां मन मोह लेती हैं.यहां घूमें नैनी झील, नैना देवी मंदिर, केव गार्डन और व्यू पॉइंट। बरेली से नैनीताल करीब 142 किमी. दूर है.मसूरी की दूरी मुरादाबाद से 234 KM है। मसूरी पहाड़ियों की रानी नाम से प्रसिद्ध है। यह प्रसिद्ध हिल स्टशनों में आता है।.मसूरी में आप माल रोड, मसूरी झील, गन हिल, लाल टिब्बा दर्शनीय स्थल, गन हिल पॉइंट जैसी जगहों को एक्स्प्लोर कर सकते हैं।