Chhath Puja 2024 Surya Arag: छठ में क्यों दिया जाता है डूबते सूर्य को अर्घ्य

Priya Mishra

कार्तिक माह में छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव को समर्पित होता है। इस पर्व को महिलाएं संतान की खुशहाली और लंबी आयु के लिए रखती हैं।

हिंदू धर्म में जहां सिर्फ उगते हुए सूर्य को ही अर्घ्य देने का विधान है वहीं छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा अर्चना की जाती है।

ऐसे में बहुत सारे लोगों के मन में ये प्रश्न उठता है कि आखिर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का क्या महत्व है। तो चलिए जानते हैं कि छठ में डूबते सूर्य को अर्घ्य क्यों दिया जाता है।

दरअसल, पौराणिक मान्यताओं की बात करें तो मान्यता है कि शाम के समय सूर्य अपनी दूसरी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं, ऐसे में इस वक्त सूर्य की उपासना देवी प्रत्यूषा को प्रसन्न करती है और इसके फलस्वरूप व्यक्ति को प्रत्यूषा के आशीष से जीवन में सुख-समृद्धी मिलती है।

मान्यता है कि इससे जीवन की समस्याएं दूर होती हैं, खासकर जो लोग किसी मुकदमे में फंस गए हों या जिनका कोई काम अटका हो, उनके लिए ये अस्त होते सूर्य की उपासना लाभकारी होती है।

इसके अलावा आंखों और सेहत से जुड़ी दूसरी समस्याओं के निवारण में भी डूबते सूर्य को अर्घ्य देना लाभकारी होता है।

हालांकि ये भी मान्यता है कि जो लोग डूबते सूर्य की उपासना करते हैं ,वो उगते सूर्य की उपासना भी ज़रूर करनी चाहिए।

इसीलिए छठ पर्व में संध्या के साथ ही सूर्योदय के समय भी पूजा-अर्चना कर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।