पहला दिन
यह दिन माँ शैलपुत्री को समर्पित है इस दिन माता को घी और दूध का भोग लगाएं घी में हेल्थी फैट और दूध में कैल्सियम सेहत के लिए अच्छा है
दूसरा दिन
इस दिन माँ ब्रह्मचारिणी को भोग लगता है माता को मिश्री का भोग लगाएं यदि आपका व्रत है तो चीनी खाने के बजाय मिश्री खाएं इससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहेगा
तीसरा दिन
इस दिन मां चंद्रघंटा को भोग लगाएं माता को दूध से बनी चीजें जैसे समा की खीर या पंचामृत भोग में अर्पित करें चीनी न ड़ालकर किसमिस और खजूर डालें
चौथा दिन
इस दिन माँ कुष्मांडा को सिंघाड़े या कुट्टू के आटे से बने मालपुआ का भोग लगाएं इसको आप भी खा सकते हैं जिससे व्रत में भी आपको एनर्जी मिलेगी
पांचवा दिन
यह दिन माँ स्कंदमाता को अर्पित है इस दिन माता को केले का भोग चढ़ाया जाता है केले में भारी मात्रा में फाइबर होता है जिससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है
छंठा दिन
यह दिन माँ कात्यायनी को समर्पित है इस दिन माता को शहद का भोग लगता है शहद न सिर्फ खाने के लिए बल्कि स्किन में चमक देने के लिए भी जाना जाता है
सातवां दिन
इस दिन माँ कालरात्रि की पूजा होती है माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है गुड़ खाने से शरीर में फाइबर की कमी पूरी होती है जिससे पाचन शक्ति मज़बूत होती है
नौंवा दिन
नौंवा दिन माता रानी को हलवा और चने का भोग चढ़ाया जाता है चना खाने से फाइबर मिलता है इससे डाइजेस्ट सिस्टम अच्छा होता है साथ ही ओवरइटिंग नहीं होती